कप्तानी जाने का दुःख तो हुआ था लेकिन किसी को बता नहीं सकता था – सौरव गांगुली
अद्यतन - फरवरी 25, 2018 8:55 अपराह्न
भारतीय क्रिकेट इतिहास के यदि सफल कप्तानों की एक लिस्ट बनायीं जायेगी तो उसमे बिना किसी शक के सौरव गांगुली का नाम शामिल होगा जो अपने युग के एक शानदार कप्तान थे. भले ही 2005 में उन्हें कोच ग्रेग चैपल के कारण भारतीय टीम की कप्तानी को छोड़ना पडा था.
ग्रेग चैपल से लड़ाई किसी से नहीं छुपी
सौरव गांगुली के क्रिकेट जीवन में उस समय बड़ा बदलाव आया जब भारतीय टीम के कोच ग्रेग चैपल ने उनके खेल को लेकर काफी टिप्पणी कर दी और उन दोनों की ये लड़ाई मीडियां के सामने आ गयीं थी जिसके बाद भारतीय क्रिकेट की बड़ी बदनामी हुई थी क्योंकी उन्हें भारतीय टीम का कोच बनाने में गांगुली का सबसे बड़ा हाथ था लेकिन ये उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुयीं क्योंकी इन सबके बाद गांगुली को टीम से भी बाहर का रास्ता तक दिखा दिया गया था.
आपको दुःख होता है लेकिन बता नहीं सकते
भारतीय टीम की कप्तानी से जब सौरव गांगुली को हटाया गया तो उन्हें इस पर बेहद दुःख हुआ था और इसी विषय पर अब गांगुली ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि “भारतीय टीम की कप्तानी को 2005 में खोने के बाद गांगुली ने कहा कि ये मेरे लिए बहुत ही बड़ा झटका था साथ ही मुझे इसका दुःख भी हुआ था लेकिन मैं इसे बता नहीं सकता था क्योंकी आपको ये सारी बातों को पीछे छोड़कर अपनी वापसी की तरफ ध्यान देने की जरूरत है और ये मेरे लिए काफी बड़ा अनुभव था क्योंकी मेरे लिए हालात हर समय कठिन होते जा रहे थे.”
करियर की सबसे बड़ी गलती
ग्रेग चैपल को भारतीय टीम का कोच बनाने को लेकर 46 साल के गांगुली ने कहा कि “चैपल का चुनाव करना मेरे करियर की सबसे बड़ी गलती थी क्योंकी मैं जिस इंसान से ऑस्ट्रेलिया में मिला था वो दूसरा था मुझे नहीं पता कि हमारे रिश्ते अचानक से इतने खराब कैसे हो गयें. 2007 के विश्वकप के बाद मैं दुबारा चैपल से नहीं मिला.”