इस निर्णय ने मेरे जीवन में मुझे सबसे अधिक अचम्भे में डाल दिया था – सौरव गांगुली
अद्यतन - मार्च 11, 2018 2:16 अपराह्न

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली जिनको क्रिकेट जगत में एक बेहतरीन कप्तान के रूप में देखा जाता है और जिस तरह विराट कोहली की कप्तानी में सभी को एक अग्रेशन दिखाई देता है वह गांगुली ने अपनी कप्तानी के समय शुरू किया था जब उन्होंने अपनी विरोधी टीम को उसी की भाषा में जवाब देना शुरू किया था. आईपीएल में भी गांगुली ने पहले के तीन सीजन कोलकाता नाईट राइडर्स टीम के लिए खेले थे.
आईपीएल में इस कारण हुआ अचम्भा
सौरव गांगुली ने कुछ समय पहले ही अपने जीवन से जुडी एक किताब का को जारी किया है जिसका नाम अ सेंचुरी इस नॉट इनफ नाम दिया है जिसमे उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि जब आईपीएल 2012 में उन्हें पुणे वारियर्स इंडिया की कप्तानी सौपीं गयीं थी तो उन्हें उनके इस निर्णय पर काफी अचम्भा हुआ था.
मेरे जीवन का सबसे चौकाने वाला निर्णय
अपनी इस किताब में सौरव गांगुली ने पुणे की इस निर्णय पर कहा कि “मुझे मेरे जीवन का इस निर्णय के बाद काफी बड़ा झटका लगा था और मुझे उस समय ये समझ नहीं आया कि मैं क्या कहूँ मैं उन्हें इस निर्णय पर दुबारा सोचने के लिए कह रहा था लेकिन उन्होंने मुझे इस इस निर्णय को आखिरी निर्णय बताते हुए मुझे बेंगलुरु तुरंत जाने का आदेश दे दिया.”
युवराज सिंह की जगह बना था कप्तान
पुणे वारियर्स इंडिया टीम के लिए उनके पहले सीजन में युवराज सिंह ने टीम की कप्तानी की थी लेकिन इसके बाद जब सीजन खत्म हुआ तो टीम को नौवें स्थान के साथ सीजन का अंत करना पडा था जिसके बाद उन्होंने 2012 के सीजन में सौरव गांगुली को टीम का कप्तान बनाने का निर्णय लिया और इसपर गांगुली ने अपनी किताब में लिखा कि “मैं उस समय कुछ भी नहीं समझ पा रहा था क्योंकी मैं युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी की जगह पर कप्तानी को सँभालने जा रहा था जिसने कुछ महीने पहले मेरे लिए काफी कुछ किया था और मैं समझ नहीं पा रहा था कैसे इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करूँ जिसके बाद मैंने ये निर्णय लिया कि मैं अपने खेल पर ही ध्यान लगाऊंगा और साथ ही इस बात का निर्णय भी लिया कि अब आईपीएल में और अधिक नहीं खेलूँगा.’