सहवाग को गेंदबाजों से ज्यादा अंग्रेजी बोलने में लगता था डर

अंग्रेजी बोलना मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण था- वीरेंद्र सहवाग।

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Virender Sehwag (Photo by MONEY SHARMA/AFP/Getty Images)

टीम इंडिया के धाकड़ बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अपने समय में आक्रामक बल्लेबाजी के लिए मशहूर थे और पहली ही गेंद से प्रहार करना इस बल्लेबाज की खास शैली थी। वहीं, अब सहवाग अपनी कमेंट्री और सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। इस बीच उन्होंने अपने शुरुआती दिनों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है जो काफी दिलचस्प है।

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अंग्रेजी बोलने से डरते थे सहवाग

मुल्तान के सुल्तान, नजफगढ़ के नवाब सहित वीरू को अपने करियर में कई नाम मिले। टीम कोई भी हो, कभी भी इस बल्लेबाज ने अपने खेलने के तरीके को नहीं बदला। अच्छे-अच्छे गेंदबाज सहवाग के आगे खौफ खाते थे और गेंदबाजी करने में डरते थे, लेकिन अब सहवाग ने बताया कि उन्हें खुद गेंदबाजों से नहीं, बल्कि अंग्रेजी बोलने से सबसे ज्यादा डर लगता था।

*मेरे करियर के शुरुआती दौर में अंग्रेजी बोलना मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण था- वीरेंद्र सहवाग।
*’मैच के बाद मैंने एक बार रवि शास्त्री को हिंदी में इंटरव्यू लेने को कहा था’।
*लेकिन कुछ समय बाद मैंने अंग्रेजी बोलना सीख लिया था- सहवाग।
*’मुझे अपने हिंदी बोलने में काफी गर्व महसूस होता है’।

अभी क्रिकेट से जुड़ा हुआ है ये पूर्व बल्लेबाज

क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी सहवाग इस खेल से अलग नहीं हुए हैं और वो कमेंट्री के जरिए आज भी क्रिकेट से जुडे़ हुए हैं। सहवाग ज्यादातर हिंदी कमेंंट्री करना ही पसंद करते हैं और फिलहाल, वो भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही 5 मैचों की सीरीज में अपनी आवाज दे रहे हैं। वहीं, ये पूर्व खिलाड़ी अपने ट्वीट के लिए भी काफी मशहूर हो चुका है। किसी की तारीफ करनी हो या फिर किसी पर निशाना लगाना हो, इसके लिए वीरू का एक ट्वीट ही काफी होता है। आपको बता देंं कि सहवाग के ज्यादातर ट्वीट हिंदी में ही होते हैं।

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