पिछले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अचानक संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। इसका नुकसान सभी टीमों में देखने को मिला है खासकरके श्रीलंका और साउथ अफ्रीका की टीम में। लेकिन अब श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने के फैसले से रोकने के लिए 3 नए नियमों ऐलान किया है।
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श्रीलंक क्रिकेट के इन तीनों नए फैसलों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का भी ऐलान किया गया है, ताकि यदि कोई खिलाड़ी इस समय ऐसी किसी योजना पर विचार कर रहा है, तो उसे अपने फैसले पर फिर से विचार करना होगा। श्रीलंकाई टीम में पिछले कुछ समय में अहम खिलाड़ियों को संन्यास लेते हुए देखा गया है।
यह हैं श्रीलंका क्रिकेट के 3 नए फैसले:
1 – किसी भी खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के अपने फैसले को लेकर बोर्ड को 3 महीने पहले ही इसके बारे में नोटिस देना होगा।
2 – संन्यास ले चुके खिलाड़ी जो विदेशी फ्रेंचाइजी लीग में खेलना चाहते हैं उन्हें बोर्ड की तरफ से अनापत्ती प्रामण पत्र संन्यास लेने के 6 महीने के बाद ही दिया जाएगा।
3 – सेवानिवृत्त राष्ट्रीय खिलाड़ियों को एलपीएल जैसी स्थानीय लीगों के लिए तभी योग्य माना जाएगा जब उन्होंने लीग के आयोजन से पहले सीजन में आयोजित घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं में 80% मैच खेले हों।
भानुका राजपक्षा ने अचानक संन्यास के फैसले ने दिया था सभी को झटका
साल 2022 की शुरुआत होने के साथ श्रीलंका क्रिकेट टीम को उस समय बड़ा झटका लगा जब 5 जनवरी को अचानक टीम के लिए पिछले साल शानदार प्रदर्शन करने वाले भानुका राजपक्षा ने सिर्फ 30 साल की उम्र में संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था।
भानुका ने अपने इस फैसले के पीछे पारिवारिक कारणों का हवाला दिया था। साल 2010 में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में भानुका श्रीलंका की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। लेकिन उन्हें 10 साल तक श्रीलंका क्रिकेट के लिए डेब्यू करने का इंतजार करना पड़ा था। जिसमें साल 2019 में भानुका ने अपना पहला टी-20 मैच खेला जबकि साल 2021 में वनडे में डेब्यू करने का मौका मिला था।
वहीं 7 जनवरी को श्रीलंकाई टीम के खिलाड़ी दनुष्का गुनाथिल्का ने भी टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान किया। जिसमें उन्होंने लिमिटेड ओवर्स में ध्यान लगाने की बात को कहते हुए इस फैसले को कारण बताया था।