करारी हार के बाद जो रूट ने मानी गलती, स्टुअर्ट ब्रॉड हुए निराश
अद्यतन - जनवरी 27, 2019 10:43 अपराह्न
वेस्ट इंडीज से सीरिज शुरू होने पहले दावे करने वालों ने बोल दिया था कि बहुत आसानी से इंग्लैंड टीम यह सीरिज जीत जाएगी। कुछ हद तक बात भी सही थी क्योंकि टेस्ट मैचों में इंग्लैंड टीम पिछले कुछ महीनों से बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है जबकि वेस्ट इंडीज का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है।
बारबाडोस टेस्ट में इंग्लैंड को 381 रन की करारी हार मिली है। टीम का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा है। पहली पारी में टीम मात्र 77 रनों पर आलआउट हो गई। आठवें नंबर के बल्लेबाज जेसन होल्डर ने दोहरा शतक ठोक डाला और इंग्लिश आक्रमण को मजाक बना डाला।
बल्लेबाजों ने गेंदबाजों का हौव्वा दिमाग में बैठा लिया। पहली पारी में वेस्ट इंडीज के गेंदबाज केमार रोच ने 17 रन देकर पांच विकेट लिए तो दूसरी पारी में रोस्टोन चेज़ ने 60 रन देकर आठ इंग्लिश बल्लेबाजों का शिकार बनाया। यानी की हर तरफ से इंग्लैंड टीम को मात मिली और वो कभी भी मुकाबले में ही नजर नहीं आई।
इस टेस्ट में सबसे खतरनाक फैसला तो इंग्लिश कप्तान जो रूट ने लिया। उन्होंने इंग्लैंड के स्टार गेंद स्टुअर्ट ब्रॉड को टीम से बाहर कर दिया। ब्रॉड के बिना इंग्लैंड टीम की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। आखिर इतना खराब निर्णय रूट ने क्यों लिया समझ के बाहर है। जो रूट ने भी बाद में माना कि यह गलत फैसला साबित हुआ।
ब्रॉड ने मेल ऑनलाइन में अपने कॉलम में लिखा कि जब उन्हें पता चला कि वे टीम से बाहर कर दिए गए हैं तो वे बेहद निराश हुए। वो भी ऐसे समय जब वे बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं और उन्हें साइडलाइन कर दिया गया।
ब्रॉड का कहना है कि यह उनका निजी विजार है कि वे केनसिंग्टन ओवल पिच पर गेंदबाजी करना पसंद करते क्योंकि यह ऊंचे और तेज गेंदबाजों को सूट करती है।
मैं इसलिए भी कुंठित हुआ क्योंकि मैं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा हूं और यह इंग्लैंड ग्रुप का हर व्यक्ति जानता है। मैं निराश हूं, लेकिन इसका उपयोग मैं अपने आपको मोटिवेट करने के लिए कर रहा हूं।
ब्रॉड ने अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है। उम्मीद है कि 31 जनवरी से एंटीगुआ में शुरू होने जा रहे दूसरे टेस्ट में उनको टीम में जगह मिलेगी।