नो बॉल के मामले में अंपायरों पर लिटिल मास्टर बिफर पड़े

ड्वेन ब्रावो की एक गेंद को अंपायर ने नो बॉल की जगह वाइड करार दिया था।

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Sunil Gavaskar. (Photo by Prodip Guha/Hindustan Times via Getty Images)

IPL के दूसरे फेज में खिलाड़ियों से ज्यादा अब अंपायर चर्चा में रहने लगे हैं। यूएई में खेले जा रहे फेज-2 में अंपायरों ने ऐसे फैसले दिए हैं जिसे देख सब कोई हैरान है। ऐसा ही कुछ नजारा 4 अक्टूबर को खेले गए दिल्ली कैपिटल्स (DC) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच मैच के दौरान भी देखने को मिला।

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इस मैच का आखिरी ओवर CSK की तरफ से ड्वेन ब्रावो डाल रहे थे और उनकी एक गेंद पिच के काफी बाहर जाकर गिरी थी जिसे अंपायर ने वाइड करार दिया था। इस फैसले पर पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने नाराजगी जताई है और उनका मानना था कि उस गेंद को नो बॉल घोषित किया जाना चाहिए था।

ब्रावो के विवादित ओवर पर गावस्कर की राय

इस मुद्दे को लेकर स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत करते हुए सुनील गावस्कर ने कहा कि “वो साफ तौर पर नो बॉल थी। हमने कई बार देखा है कि ऐसे मौकों पर टीवी अंपायर का एक फैसला किसी टीम के लिए हार और जीत में अंतर पैदा कर देता है। ऐसे फैसलों से खेल पर असर नहीं पड़ना चाहिए। वो तो अच्छा हुआ कि दिल्ली जीत गई वरना इस फैसले से मैच का नतीजा पलट सकता था।”

क्या कहते हैं क्रिकेट के नियम

क्रिकेट के लॉ 61 के मुताबिक, यदि बल्लेबाज तक पहुंचने से पहले गेंद पूरी तरह या आधी पिच के बाहर जाकर गिरती है तो अंपायर उसे नो बॉल करार दे सकता है। हालांकि इस मैच के दौरान मैदान पर मौजूद अंपायर अनिल चौधरी ने इसे वाइड करार दिया था जिसे देख गावस्कर काफी हैरान हुए थे।

जीत के साथ टॉप पर पहुंची दिल्ली कैपिटल्स

चेन्नई की तरफ से मिले 137 रनों के लक्ष्य को दिल्ली ने 7 विकेट खोकर हासिल कर लिया और 20 अंकों के साथ अंक तालिका की शीर्ष पर पहुंच चुकी है। जीत के साथ ये भी सुनिश्चित हो गया कि दिल्ली की टीम पहले क्वालीफायर मुकाबले के लिए टॉप पर बनी रहेगी। वहीं, अगर CSK की बात करें तो चेन्नई की ये लगातार 2 मैचों में 2 हार है और वो 18 अंको के साथ फिलहाल दूसरे पायदान पर मौजूद है।

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