सुप्रीम कोर्ट से बिहार को राहत, 17 साल बाद बिहार की टीम उतरेंगी मैदान में
अद्यतन - जनवरी 4, 2018 4:51 अपराह्न
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बिहार क्रिकेट टीम को किसी भी घरेलू मैच में खेलने पर बैन लगा दिया था जिसके बाद बिहार क्रिकेट बोर्ड ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लागई थी और गुरूवार 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को आदेश देते हुए कहा कि वे बिहार की टीम को घरेलू स्तर पर होने सभी मैच में अगले सीजन से खेलने की अनुमति दें.
साल 2000 से लगा हुआ है बैन
बिहार क्रिकेट बोर्ड को बीसीसीआई की पूर्ण सदस्यता नहीं प्राप्त है जिस कारण भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने साल 2000 से किसी भी घरेलू स्तर पर होने वाले मैच में बिहार की टीम पर खेलने को लेकर पूरी तरह से बैन लगा दिया था. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को अपना आदेश देते हुए कहा कि “ये क्रिकेट खेलने की बात है जिस कारण बिहार की टीम को अनुमति दी जा रही है.”
पूर्ण सदस्यता को लेकर प्रशासकों की कमेटी तय करेगी
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार क्रिकेट बोर्ड की पूर्ण सदस्यता को लेकर अपने इस आदेश में कहा कि “इस बारे में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनी प्रशासकों की कमेटी अपना निर्णय लेगी कि बिहार क्रिकेट बोर्ड को पूर्ण सदस्यता दी जानी चाहिए या नहीं. और राज्य को इस बारे में बीसीसीआई के नए नियम के अनुसार है कि नहीं.”
यहाँ पर देखिये एएनआई का ट्विट
Supreme Court directs the Board of Control for Cricket in India (BCCI) to allow the Bihar state team to participate in Ranji trophy and other cricket tournaments.
— ANI (@ANI) January 4, 2018
जगमोहन डालमिया ने किया था बैन
वर्ष 2001 में उस समय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के प्रेसिडेंट जगमोहन डालमिया ने बिहार क्रिकेट संघ की कार्यप्रणाली से नाखुश होकर उसे घरेलू स्तर से बैन कर दिया था और बिहार की जगह पर झारखंड को बीसीसीआई की पूर्ण सदस्यता दे दी थी.