क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद भी एमएस धोनी की तरीफ करने से पीछे नहीं हटते हैं सुरेश रैना

ऐसा काफी बार देखा गया है जब महेंद्र सिंह धोनी ने ऑन फील्ड अंपायर के खिलाफ जाकर डीआरएस की मांग की और उनका फैसला सही साबित हुआ।

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Suresh Raina, MS Dhoni and Pragyan Ojha (Pic Source-Twitter)

भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में गिना जाता है। उन्होंने अपनी शानदार बल्लेबाजी से भारत को कई मुकाबलों में जीत दिलाई है। उनकी विकेटकीपिंग भी काफी शानदार है।

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इन सबके अलावा महेंद्र सिंह धोनी को डीआरएस का उपयोग करने में सबसे शानदार खिलाड़ी भी माना जाता है। डीआरएस का मतलब होता है डिसीजन रिव्यू सिस्टम। इसका उपयोग तब किया जाता है जब बल्लेबाज या विरोधी टीम के कप्तान ऑन फील्ड अंपायर के फैसले को पूरी तरह से बदलना चाहते हैं।

ऐसा काफी बार देखा गया है जब महेंद्र सिंह धोनी ने ऑन फील्ड अंपायर के खिलाफ जाकर डीआरएस की मांग की और उनका फैसला सही साबित हुआ। भारत और चेन्नई सुपर किंग्स के पुराने साथी सुरेश रैना ने हाल ही में इस बात का खुलासा किया कि धोनी को यह बात पता है कि तमाम प्रशंसक डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम कहते हैं।

मेरे लिए डीआरएस हमेशा धोनी रिव्यू सिस्टम रहा है: सुरेश रैना

सुरेश रैना और प्रज्ञान ओझा वायकॉम 18 खेल विशेषज्ञ SA 20 के लिए कमेंट्री कर रहे हैं और उसी बीच रैना ने कहा कि, ‘ महेंद्र सिंह धोनी को यह बात पता है कि उनके फैंस डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम कहते हैं। मेरे लिए भी हमेशा धोनी रिव्यू सिस्टम रहा है।

बाद में मुझे इसका असली नाम पता चला। धोनी हमेशा रिव्यू आखिरी सेकंड में लेते हैं क्योंकि गेंदबाज को लगता है कि यह आउट है लेकिन विकेट के पीछे धोनी को तीनों स्टंप साफ-साफ दिखाई देते हैं। वो जो भी सोचते है हमेशा सही होता है फिर चाहे वो डीआरएस हो या किसी गेंदबाज को गेंदबाजी देना।’

इस पर प्रज्ञान ओझा ने कहा कि, ‘मुझे लगता है कि अंपायर भी इसको देखते हैं अगर धोनी ने विकेट की अपील की है या नहीं। अगर धोनी ने विकेट की अपील की है तब यह पक्का आउट है।’

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