अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी टीम से ड्राप होने पर दुःख हुआ था – सुरेश रैना
अद्यतन - फरवरी 16, 2018 1:29 पूर्वाह्न
भारतीय टीम में लम्बे समय के बाद वापसी करने वाले सुरेश रैना एक बार फिर से टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब दिख रहे है. पिछली बार रैना ने भारतीय टीम के लिए इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू जमीन पर बेंगलुरु में टी20 मैच खेला था जिसके बाद से वे टीम से बाहर ही चल रहे है लेकिन पहले यो-यो टेस्ट पास करने के बाद और उसके बाद सैयद ,मुस्ताक अली ट्राफी में शानदार प्रदर्शन करने के बाद उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टी20 टीम के लिए टीम में शामिल कर लिया गया.
2019 का वर्ल्डकप खेलना चाहते है
सुरेश रैना ने दक्षिण अफ्रीका रवाना होने से पहले आज तक को दिए अपने इंटरव्यू में इस बात की इच्छा जतायीं की वे इंग्लैंड और वेल्स में अगले साल होने वाले क्रिकेट वर्ल्डकप में खेलना चाहते है और उनमे अभी काफी क्रिकेट बाकी है. रैना ने भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के दक्षिण अफ्रीका में प्रदर्शन की भी तारीफ़ की और साथ उन्हें इस बात का भी भरोसा है कि वे अफ्रीका में अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
अच्छा प्रदर्शन करने पर भी ड्राप होने पर हुआ दुःख
अपने इस इंटरव्यू में सुरेश रैना ने कहा कि “मुझे इस बात का दुःख था कि अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी मुझे टीम से बाहर निकाल दिया गया था लेकिन अब मैंने यो-यो टेस्ट भी पास कर लिया है और काफी अच्छा महसूस कर रहा हूँ. भारतीय टीम के लिए दुबारा खेलने की इच्छा ने मुझे काफी मजबूत रखा उअर इसे मैं यहीं पर खत्म नहीं होने देना चाहता मैं भारत के लिए जीतना हो सकता है उतना खेलना चाहता हूँ 2019 में होने वाले वर्ल्डकप में भी मैं खेलना चाहता हूँ क्योंकी मुझे विश्वास है कि इंग्लैंड में मैं अच्छा प्रदर्शन कर चुका हूँ.”
उम्र से कोई फर्क नही पड़ता
इस समय सुरेश रैना की उम्र 30 साल है लेकिन उन्होंने इस पर कहा कि “हां मैं 31 का हो चुका हूँ लेकिन मैं इतना कहना चाहूँगा कि ये सिर्फ एक नंबर है जब मैं भारतीय टीम की जर्सी को पहनता हूँ मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपना पहला मैच खेलने के लिए जा रहा हूँ जो काफी स्पेशल होता है.”
नंबर 4 पर नजर
इस समय भारतीय वनडे टीम में नंबर 4 की पोजीशन पर काफी खिलाड़ियों को आजमाया जा चुका है जिसके बाद रैना से भी जब इसी पर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि “यदि आप वनडे में नंबर 4 की बात करे तो उस जगह पर बल्लेबाजी करना आसान काम नहीं होता है और काफी बार टीम ऐसी हालात में होती है कि नंबर 4 के बल्लेबाज के लिए काफी कठिन हालात हो जाते है वो भी जब आप टारगेट का पीछा कर रहे हों क्योंकी वहां पर आपको अटैक करने के साथ संभलकर भी खेलना होता है लेकिन मैं निजी तौर पर नंबर 4 और 5 पर खुद को बल्लेबाजी करने के लिए सही पाता हूँ क्योंकी ये मेरी खेल के मुताबिक है.”