IPL 2021 के ठीक दो दिन बाद यानी 17 अक्टूबर से यूएई और ओमान में टी-20 वर्ल्ड कप की शुरुआत होने जा रही है। ICC ने इस साल होने वाले पुरुष टी-20 वर्ल्ड कप में डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।
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ICC के आधिकारिक बयान के मुताबिक हर पारी में दोनों ही टीमों को DRS के तहत अंपायर के फैसले को पलटने के लिए दो मौके मिलेंगे। आमतौर पर टी-20 मैचों में हर टीम को पारी के दौरान एक ही रिव्यू मिलता है लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण टी-20 वर्ल्ड कप में कई अनुभवी अंपायरों की गैर-मौजूदगी को देखते हुए ICC ने एक रिव्यू बढ़ाने का फैसला लिया है।
टी-20 वर्ल्ड कप में पहली बार कब हुआ था DRS सिस्टम का इस्तेमाल?
टी-20 वर्ल्ड कप में पहली बार DRS का इस्तेमाल 2018 में खेले गए महिला टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान किया गया था। उस टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान हर टीम को पारी के दौरान एक-एक रिव्यू दिया गया था। जहां तक पुरुष क्रिकेट का सवाल है तो ICC इवेंट में पहली बार DRS का इस्तेमाल 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी में किया गया था। वहीं, इसके बाद 2019 के वनडे वर्ल्ड कप और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण में भी इस सिस्टम का लाभ टीमों ने उठाया था।
न्यूनतम ओवर्स के नियम में भी हुआ बदलाव
टी-20 वर्ल्ड कप के लिए ICC ने देरी से शुरू होने वाले या वर्षा-बाधित मैचों के लिए अपने नियमों में भी बदलाव किया है। ग्रुप स्टेज में जहां पहले के नियम की ही तरह (डकवर्थ-लुईस) DLS से मैच का नतीजा निकालने के लिए प्रत्येक टीम को कम से कम पांच ओवर की बल्लेबाजी करना अनिवार्य होगा। वहीं, सेमीफाइनल और फाइनल में हर एक टीम को DLS से मैच का नतीजा निकालने के लिए कम से कम दस ओवर की बल्लेबाजी करना अनिवार्य होगा।