अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ का बड़ा बयान, कहा तालिबान को पुरुष क्रिकेट से कोई परेशानी नहीं

तालिबानी कब्जे के बाद अफगानिस्तान महिला क्रिकेट टीम का भविष्य खतरे में।

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Afghanistan. (Photo Source: Getty Images)

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए कुछ भी सही नहीं हो रहा था लेकिन अफगान क्रिकेट फैंस के लिए एक अच्छी खबर आई है। अफगानिस्तान पर पूरा कब्जा करने के बाद तालिबान ने ये साफ कर दिया है कि वो अफगानिस्तान क्रिकेट में कोई बाधा नहीं डालेगी। अफगानिस्तान की टीम 1 सितंबर से श्रीलंका में पाकिस्तान के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज खेलेगी।

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अफगान क्रिकेट फैंस के लिए ये बेहद अच्छी खबर है, लेकिन अफगानिस्तान की महिला क्रिकेट टीम के भविष्य की तस्वीर अब भी साफ नहीं हो सकी है। हालांकि, अफगानिस्तान की महिला क्रिकेट टीम ज्यादा मैच नहीं खेलती है और वो अपने ज्यादातर मैच घर पर ही खेलती हैं। अफगानिस्तान बोर्ड ने हाल ही में 25 महिला क्रिकेटरों को वार्षिक कॉन्ट्रैक्ट दिया था लेकिन ताजा हालातों को देखते हुए उनका भविष्य खतरे में नजर आ रहा है।

महिला क्रिकेट टीम की तस्वीर अभी साफ नहीं है

स्पोर्ट्स डेस्क पॉडकास्ट से बातचीत के दौरान अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हामिद शेनवारी ने कहा कि “मुझे लगता है कि ये यहीं रुक जाएगा। मुझे सच में नहीं पता कि महिला क्रिक्रेट का भविष्य क्या होगा। हमने उन्हें सैलरी पर रखा है लेकिन अगर सरकार ये निर्णय लेती है कि हमें महिला क्रिक्रेट को आगे नहीं बढ़ाना है तो हमें ये बंद करना होगा।”

पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज और घरेलू टी-20 सीरीज तय समय पर होंगी

पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के अलावा अफगान बोर्ड ने ये भी तय किया है कि शपागीजा टी-20 टूर्नामेंट भी खेला जाएगा। अफगानिस्तान के मीडिया हेड हिकमत हसन ने कहा कि, तालिबान ने साफ तौर पर कहा है कि उन्हें हमारी क्रिकेट से किसी भी तरह की परेशानी नहीं है और हम अपने प्लान के साथ आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि, हमने श्रीलंका जाने से पहले काबुल में दो दिनों का ट्रेनिंग सेशन किया है, हमारे पास प्रोडक्शन टीम, स्पॉन्सर्स सब कुछ मौजूद है और हम इस दौरे के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

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