BCCI के इम्पैक्ट प्लेयर नियम को लेकर अब पूर्व चयनकर्ता सबा करीम ने बोर्ड से कर दी यह बड़ी मांग

टी-20 मुकाबलों की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए BCCI ने इस 'इम्पैक्ट खिलाड़ी' नियम को जल्द से जल्द लागू करने का फैसला किया है।

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Saba Karim. (Photo Source: Twitter)

पूर्व भारतीय चयनकर्ता सबा करीम ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के घरेलू क्रिकेट में नए ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम पर अपनी राय दी है।

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बता दें, नए नियम के अनुसार सभी टीमें शुरुआत से ही अपने प्लेइंग XI में एक प्रतिस्थापन (substitution) को शामिल कर सकती हैं, अगर उन्हें लगता है कि वो उनके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। हालांकि इस नए नियम को सबसे पहले राज्य स्तर के क्रिकेट में राष्ट्र क्रिकेट बोर्ड द्वारा परीक्षण किया जाना है।

सबा करीम ने दिया यह बयान

सबा करीम ने स्पोर्ट्स18 के ‘स्पोर्ट्स ओवर द टॉप’ शो में कहा कि, ‘मुझे लगता है काफी साधारण है। भले ही ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम को 11 में शामिल किया गया है लेकिन मुझे लगता है कि इसकी ज्यादा जरूरत परिस्थितियों के हिसाब से होगी।’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘आप रणनीतियों के बारे में बात कर रहे हैं जो खेल में देखने को मिलेगी और सच्चाई यही है कि आप 14 ओवर के अंत तक अपने प्रतिनिधि को शामिल कर सकते हैं। इसीलिए कप्तान और कोचिंग स्टाफ को बहुत ध्यानपूर्वक अपने फैसले लेने की जरूरत है। ऐसा इसलिए भी क्यूंकि ऐसा ना हो कि कप्तान एक ऐसे खिलाड़ी को प्लेइंग XI से बाहर कर दें जो उनके लिए बाद में ज्यादा मददगार साबित होगा। यह सब चीज़ें आने वाले घरेलू टूर्नामेंट में देखने को मिलेगी।’

IPL के अगले सत्र में यह नियम लागू हो सकता है

टी-20 मुकाबलों की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए BCCI ने इस ‘इम्पैक्ट खिलाड़ी’ नियम को जल्द से जल्द लागू करने का फैसला किया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि IPL के अगले सत्र में यह नियम लागू हो सकता है।

साथ ही और भी जगह के घरेलू क्रिकेट में यह नियम देखने को मिलेगा। ICC ने कुछ और नियमों में बदलाव किए हैं। जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंद चमकाने के लिए लार का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

यही नहीं पहले नियम था कि अगर कोई बल्लेबाज गेंद खेलने से पहले ही क्रीज से बाहर आ जाता है तो गेंदबाज थ्रो करके उसे रन आउट कर सकता था, लेकिन अब यह नियम हटा दिया गया है। अगर कोई गेंदबाज ऐसा करने की कोशिश करता है तो वह गेंद डेड बॉल करार दी जाएगी। इससे बल्लेबाजों के पास खुलकर अपनी क्रीज का इस्तेमाल करने की आजादी होगी। दोनों ही डिपार्टमेंट के खिलाड़ियों के लिए कई नियमों को लागू किया गया है, इससे उन्हें कई चीजों में छूट मिलेगी।

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