हुआ खुलासा, बल्ले में छिपा है महेंद्र सिंह धोनी की सफलता का राज

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MS Dhoni (Photo by Mark Metcalfe/Getty Images)

फिल्म एमएस धोनी-द अनटोल्ड स्टोरी भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में बताया गया था कि धोनी के पहले कोच केशव रंजन बनर्जी हैं और वे फुटबाल से क्रिकेट में धोनी को लेकर आए थे। गोलकीपर से उन्होंने धोनी को विकेटकीपर बना दिया था।

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धोनी के ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक प्रदर्शन से बनर्जी बेहद खुश हैं। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि धोनी से पिछले दिनों रन नहीं बन रहे थे। लोग धोनी की आलोचना का मौका नहीं छोड़ रहे थे। ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले मैंने उससे कहा कि लोग इतना बोल रहे हैं तो तुम जवाब क्यों नहीं देते? तब धोनी ने कहा कि आलोचना से क्या होता है। जब मुझे लगेगा कि मैं टीम को सौ प्रतिशत नहीं दे पा रहा हूं, मैं खुद क्रिकेट छोड़ दूंगा।

अब ऑस्ट्रेलिया में धोनी ने अपने शानदार प्रदर्शन से आलोचकों को करारा जवाब दे दिया है। वे बल्ले से ही जवाब देना पसंद करते हैं। उनकी फिटनेस भी गजब है और इससे टीम के दूसरे खिलाड़ी भी प्रेरित होंगे।

धोनी आमतौर पर भारी बल्ले से खेलना पसंद करते हैं, लेकिन इन दिनों वे हल्का बल्ला इस्तेमाल कर रहे हैं। शायद धोनी ने महसूस किया है कि भारी बल्ले के प्रयोग के कारण वे सफल नहीं हो पा रहे हैं इसलिए उन्होंने हल्के बल्ले का इस्तेमाल शुरू किया है और परिणाम सामने है।

पारी जमा कर दे रहे हैं मैच को दिशा
धोनी ऊपरी क्रम पर अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं। निचले क्रम पर उन्हें सिर्फ आक्रामक बल्लेबाजी करना होती है, लेकिन चौथे या पांचवे क्रम पर वे पारी को जमाते हैं और मैच को भी सही दिशा देते हैं।

बनर्जी का मानना है कि धोनी में अभी कुछ साल का क्रिकेट बाकी है और सही वक्त आने पर वे खुद क्रिकेट से अलग हो जाएंगे। उन्हें किसी को बताने की जरूरत नहीं है।

 

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