रवि शास्त्री का हमेशा से ही अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं वह कभी भी किसी ऐसी चीज के बारे में टिप्पणी करने से पीछे नहीं हटे, जिसके बारे में वह पूरी भावुकता से महसूस करते हैं। भारत के पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, शास्त्री ने राजनीतिक रूप से सही बयान दिए हैं।
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हाल ही में एक इंटरव्यू में, पूर्व मुख्य कोच ने टीम में अपनी भूमिका स्पष्ट की और चयन प्रक्रिया कैसे काम करती है, इस बारे में भी खुलकर बात की। मौजूदा टी-20 वर्ल्ड कप में कुछ मैचों में मिले हार के बाद भारतीय टीम के चयन को लेकर कुछ सवाल उठ रहे थे। इससे पहले जब इस टी-20 वर्ल्ड कप टीम का चयन किया गया था तब भी टीम को लेकर कई सवाल खड़े किए गए थे।
मेरी भूमिका टीम की 11 खिलाड़ियों को चुनने में होती है, 15 में नहीं: रवि शास्त्री
हालांकि शास्त्री ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान इस चयन प्रक्रिया को लेकर गलतफहमी को दूर करने की कोशिश की। रिपब्लिक वर्ल्ड से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि,”मैं टीम के चयन में शामिल नहीं होता। अर्नब, आपको याद होगा कि मैं आखिरी एकादश के चयन में शामिल होता हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि, “15 खिलाड़ियों को कौन चुनता है, यह भी एक बड़ी जिम्मेदारी है। हां, मैं चयन प्रक्रिया का हिस्सा होने के नाते एक चयनकर्ता के रूप में जवाबदेह हूं जो XI को चुनती है। 15 को चयनकर्ता चुनते हैं, यहां तक कि उसमे कप्तान का भी कोई हाथ नहीं होता है”।
बता दें कि शिखर धवन और युजवेंद्र चहल, जो पिछले कई सालों से भारतीय सफेद गेंद सेट-अप में टीम का अहम हिस्सा हैं और आईपीएल में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, उन्हें भी टी-20 वर्ल्ड टीम में नहीं चुना गया था। इन खिलाड़ियो को टीम में नहीं देखकर कई फैंस और दिग्गज खिलाड़ी नाराज हुए थे। इन स्थितियों में, प्रशंसक आमतौर पर चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन पर उंगली उठाते हैं, जिसमें आमतौर पर मुख्य कोच और कप्तान शामिल होते हैं।