2 जनवरी को भारतीय क्रिकेट को एक अपूर्णीय क्षति हुई. और 2 जनवरी को भारतीय क्रिकेटर बल्लेबाज रमन लाम्बा की जयंती मानते है. रमन लाम्बा के रूप में भारतीय क्रिकेट को एक अपूर्णीय क्षति हुई थी. लाम्बा बांग्लादेश में क्लब क्रिकेट खेलने गये थे. इसी दौरान एक दर्दनाक घटना घटी और उनकी मृत्यु हो गई. आज हमलोग उनकी 57 वा जयंती मना रहे हैं.
Advertisement
Advertisement
रमन लाम्बा दाएं हाथ के बल्लेबाज थे. और जब यह घटना घटी थी उस समय लांबा बांग्लादेश की राजधानी ढाका के बंगबंधु स्टेडियम में क्लब क्रिकेट खेल रहे थे. मैदान पर लांबा शॉर्ट लेग पर बिना हेलमेट पहने क्षेत्ररक्षण कर रहे थे. इसी दौरान बल्लेबाज के द्वारा एक तेज गेंद को उनकी तरफ मारा गया जो जाकर के सीधे रमन लांबा के सिर से लगी और वापस बल्लेबाज की ओर चला आया और उनके सर से काफी रक्त स्राव हो रहा था.
उस समय बांग्लादेश के कप्तान मैं उनसे जाकर पूछा क्या आप ठीक हैं. उन्होंने जवाब दिया इसने तो मार ही डाला बस क्या था उसी दौरान वह बेहोश हो गए. उसके बाद फौरन दिल्ली से एक न्यूरो सर्जन डॉक्टर को ढाका बुलाया गया जहां उनकी 2 दिनों तक इलाज चली फिर भी उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. और तीसरे दिन 23 फरवरी 1998 को उनकी मृत्यु हो गई यह घटना काफी क्रिकेट जगत के लिए काफी दुखद रहा.
फरवरी 1998 में जब लम्बा बांग्लादेश में जिंदगी से जंग लड़ रहे थे. तो दूसरी ओर उनकी पत्नी एयरपोर्ट के लिए निकली थी रमन को फ्लाइट से रिसीव करने के लिए इसी दौरान बांग्लादेश से उनके पास एक फोन आया जिसने ऐसी बात बताई जिसे कोई भी नही सुन्ना चाहेगा. रमन की इस स्थिति के बारे में बताया था. रमन की पत्नी ने एक साक्षात्कार में अपनी आप बीती बताई थी. जिस समय लाम्बा की मृत्यु हुई उस समय उनकी उम्र 38 वर्ष थी और उनकी पत्नी भारत में ही थी. रमन लाम्बा से प्रेम विवाह किया था. लाम्बा के दो बच्चे भी हैं. लाम्बा की पत्नी इनके देहांत के बाद अपने बच्चों सहित अब पुर्तगाल में रहती हैं.