अपने ही देश के खिलाड़ियों की आलोचना करना कोई मिस्बाह उल हक से सीखे - क्रिकट्रैकर हिंदी

अपने ही देश के खिलाड़ियों की आलोचना करना कोई मिस्बाह उल हक से सीखे

इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में पाकिस्तानी खिलाड़ियो ने की थी काफी खराब फील्डिंग।

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Misbah-ul-Haq. (Photo Source: Twitter)

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक अपनी टीम के खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर काफी चिंतित है। उन्होंने कहा कि सभी को साफ तौर पर पता चल रहा है कि, टीम के खिलाड़ियों का पेट निकला हुआ है और बोर्ड द्वारा इन खिलाड़ियों के लिए कोई फिटनेस टेस्ट भी नहीं किया जाता।

यही नहीं मिस्बाह उल हक ने इंग्लैंड के खिलाफ आधिकारिक अभ्यास मुकाबले में मिली हार को लेकर भी टीम की आलोचना की और कहा कि कुछ ही खिलाड़ी ऐसे हैं जो अपनी फिटनेस को गंभीर रूप से ले रहे हैं। बता दें, बारिश के चलते यह मुकाबला 19 ओवर का खेला गया था जिसमें इंग्लैंड ने 161 रन के लक्ष्य को 26 गेंद रहते बना लिया था।

टीम की बल्लेबाजी और फील्डिंग को लेकर पिछले काफी समय से आलोचना की जा रही है। तमाम विशेषज्ञों ने पाकिस्तान टीम के खिलाड़ियों को फिटनेस को लेकर चेतावनी दी थी और अब पूर्व कप्तान ने भी इसी को लेकर अपना पक्ष सामने रखा है।

फिटनेस की समस्या साफ-साफ दिख रही है: मिस्बाह उल हक

क्रिकेट पाकिस्तान के हवाले से मिस्बाह ने कहा कि, ‘यह साफ-साफ दिख रहा है कि फिटनेस की समस्या है। कोच के रूप में वकार अपना पद चार बार छोड़ चुके हैं, मैंने भी एक बार छोड़ा है। खिलाड़ी के रूप में शोएब मलिक, मैंने और यूनिस खान ने फिटनेस को हमेशा सबसे आगे रखा है।

एक अच्छा कोच या ट्रेनर वही होता है जो अपने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करें और उन्हें ज्यादा से ज्यादा अभ्यास कराए। उनका पेट साफ-साफ दिखता है, उनके शरीर का निचला भाग काफी भारी है जिसकी वजह से वो ज्यादा इधर-उधर नहीं जा पाते। इसके पीछे का यही कारण है कि खिलाड़ी अपने फिटनेस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।’

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की आलोचना करते हुए मिस्बाह उल हक ने आगे कहा कि, ‘घरेलू सत्र में फिटनेस टेस्ट लेवल एक मजाक बन गया है। हम लोगों के बीच में इस चीज को लेकर काफी बातचीत होती थी कि जिस तरह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की फिटनेस को देखा जा रहा है वैसा ही घरेलू सत्र में भी देखा जाए। घरेलू स्तर पर जिम्मेदार लोगों ने हमेशा फिटनेस को लेकर हमारा विरोध किया।’

मिस्बाह उल हक का कहना बिल्कुल ठीक है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर में कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो खराब फिटनेस की वजह से अपनी टीम से बाहर हो चुके हैं। पहले का समय कुछ और था और आज के समय में जब क्रिकेट इतना विकसित हो गया है तब खिलाड़ियों को भी इसको लेकर गंभीर हो जाना चाहिए।

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