फ्रेंचाइजी क्रिकेट में अलग दबाव पर तस्कीन अहमद क्या बोले?, शेयर किया जिम एफ्रो टी10 लीग का अनुभव

तस्कीन अहमद ने कहा कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट में एक अलग तरह का दबाव होता है।

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Taskin Ahmed (Photo Source: Twitter)

बांग्लादेश टीम के खिलाड़ी तस्कीन अहमद (Taskin Ahmed) ने हाल ही में समाप्त हुई जिम एफ्रो टी10 लीग में बुलावायो ब्रेव्स की ओर से खेलते हुए नजर आएं। इस प्रतिभाशाली गेंदबाज ने सात मैचों में 10 की औसत और 7.85 की इकॉनमी रेट से 11 विकेट चटकाए। वहीं हाल ही में तस्कीन अहमद ने फ्रेंचाइजी लीग में खेलने के अपने अनुभव पर बातचीत की और बताया कि यह कैसे उन्हें एक तेज गेंदबाज के रूप में अपने स्किल को निखारने में मदद कर सकता है।

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एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में तस्कीन अहमद ने कहा कि, पहली बार किसी फ्रेंचाइजी आधारित लीग में खेलना एक शानदार अनुभव था। फ्रेंचाइजी क्रिकेट में एक अलग तरह का दबाव होता है और मुझे लगता है कि इस तरह की लीग में खेलने से बहुत अच्छा अनुभव मिलता है।

अपना बेस्ट देना और स्मार्ट तरीके से प्रयास करना मेरे नियंत्रण में है- तस्कीन अहमद 

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि, मैं और सुधार करना चाहता हूं। अपना बेस्ट देना और स्मार्ट तरीके से प्रयास करना मेरे नियंत्रण में है। इसके साथ ही टूर्नामेंट में खेलते समय अपनी मानसिकता के बारे में भी उन्होंने बताया और कहा कि किस तरह वह मैदान के बाहर कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि मैच के दौरान जरूरत पड़ने पर तैयार रह सकें।

तस्कीन अहमद ने कहा कि, टी10 क्रिकेट में बल्लेबाजों के इरादे बहुत मजबूत होते हैं और किफायती गेंदबाजी करना आसान नहीं होता है। यह एक शानदार अनुभव था, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसका फॉर्मेट टेस्ट है या टी10। अच्छी गेंदों को हिट करना मुश्किल है। जब आप अपनी ताकत के अनुसार प्रदर्शन कर सकते हैं तो यह हमेशा सबसे अच्छी बात होती है। टूर्नामेंट बहुत अच्छा रहा, लेकिन मेरे लिए आगे बड़े टूर्नामेंट आने वाले हैं और मैं अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा। मेरा काम अब कड़ी मेहनत करना है। मैदान पर अपना बेस्ट देने से पहले सही तरीके से अभ्यास करना जरूरी है।

बता दें कि तस्कीन अहमद ने बांग्लादेश टीम के लिए 13 टेस्ट, 59 वनडे और 54 टी20 मैच खेले हैं और क्रमशः 30, 81 और 52 विकेट लिए हैं। हालांकि, उन्हें टीम में शामिल होने के लिए और नियमित मौके के लिए इंतजार करना पड़ा, क्योंकि मशरफे मुर्तजा, रुबेल हुसैन और अन्य अनुभवी गेंदबाज उनसे आगे थे। वहीं एक बार जब उन्हें प्लेइंग इलेवन में लगातार मौके मिले, तो ढाका में जन्मे इस खिलाड़ी ने अपनी बेहतरीन गेंदबाजी और क्लास दिखाई।

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