टेस्ट फॉर्मेट में Legend साबित होता टीम इंडिया का यह ऑल-राउंडर, लेकिन…. गौतम गंभीर ने सालों बाद क्यों लिया इस खिलाड़ी का नाम
गौतम गंभीर ने कहा कि युवराज का टेस्ट रिकॉर्ड समय के साथ बेहतर हो सकता था और उनका रेड-बॉल रिकॉर्ड भी शानदार हो सकता था।
अद्यतन - May 19, 2024 6:40 pm

भारत के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर ने हाल ही में कहा था कि युवराज सिंह को अपने करियर में और अधिक टेस्ट मैच खेलने चाहिए थे। पूरी दुनिया जानती है की युवराज सिंह व्हाइट बॉल क्रिकेट के बेताज बादशाह हैं और उनके जैसा खिलाड़ी अब तक टीम इंडिया में देखने को नहीं मिला है। युवराज सिंह टीम इंडिया के मैच विनर प्लेयर थे, हालांकि टेस्ट फॉर्मेट में वह लंबे समय तक नहीं टिक पाए। अब लेकिन वह अपनी सफलता को टेस्ट फॉर्मेट में तब्दील नहीं कर सके।
युवराज सिंह का करियर
युवराज सिंह के आंकड़ें बेहद ही शानदार हैं। उन्होंने 139 मैचों में 44.16 की अवस्त से 8965 रन जड़े हैं। हालाँकि, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेड-बॉल क्रिकेट की बात आई तो उनकी संख्या में गिरावट आई। उन्होंने 40 मैचों के बाद 33.92 की औसत से केवल 1900 रन बनाए।
गंभीर ने कहा कि युवराज का टेस्ट रिकॉर्ड समय के साथ बेहतर हो सकता था और उनका रेड-बॉल रिकॉर्ड भी शानदार हो सकता था। आइए जानें उन्होंने क्या कहा-
“जब हम बात करते हैं आंकड़ें की, या फिर पऱफॉर्मेंस की तो आप देखें युवी ने 2011 वर्ल्ड कप में क्या गजब का खेल दिखाया है। 2011 वर्ल्ड कप में वह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट थे. 2007 में भी देखिए, युवी ने क्या किया। आप युवी के परफॉर्मेंस को उठा लिजिए, उसके भारत के लिए क्या करके दिखाया है। आप युवी की पारी देखिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, इंग्लैंड के खिलाफ उसकी पारी को देखिए। आप युवी का इम्पैक्ट 2007 टी-20 वर्ल्ड में देखिए , मैंने दुनिया को फिर से बताने की कोशिश की है कि युवी ने अपने करियर में क्या हासिल किया है। मैं सिर्फ विश्व क्रिकेट को ये बातें याद दिलाना चाह रहा हूं।”
” मैं युवी को वनडे और टी-20 का बेस्ट खिलाड़ी मानता हूं। उससे बेहतर खिलाड़ी व्हाइट बॉल क्रिकेट में मैंने नहीं देखा है। युवी सिर्फ बल्लेबाजी में ही नहीं, बल्कि गेंदबाजी में भी, फील्डिंग में भी उनका जो पऱफॉर्मेंस रहा है वह हैरान करने वाला है। भारत में उनके जैसा खिलाड़ी दूसरा नहीं हो पाया है। लेकिन दुर्भाग्य से हम युवी के बारे में कम बात करते हैं। जो बिल्कुल गलत है। इसके पीछे भी काफी सारे कारण है लेकिन मैं यहां यह नहीं बताना चाहता हूं।”
“देखिए युवी ने टेस्ट क्रिकेट काफी कम खेला है। यदि उसे और भी टेस्ट खेलने का मौका मिलता तो उसके रिकॉर्ड शानदार होते। टेस्ट में भी वह अच्छा कर सकता था। मैं यकीनन कहूंगा कि युवी को टेस्ट खेलने का मौका कम मिला है।”