हिटमैन रोहित शर्मा : फर्श से उठकर ऐसे तय किया अर्श तक का सफर

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Rohit Sharma. (Photo Source: Instagram)

भारतीय वनडे टीम के उपकप्तान और हिटमैन के नाम से पहचाने जाने वाले रोहित शर्मा ने क्रिकेट की दुनिया में तेज़ी से अपना मुकाम बनाया है। वनडे क्रिकेट में उन्हें रोहित रिकॉर्ड शर्मा भी कहा जाता है।

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रोहित शर्मा का शुरुआती जीवन बहुत ही कष्टमय और विपन्नता भरा रहा है। 30 अप्रैल 1987 को महाराष्ट्र के नागपुर के बान्सोड़ में जन्मे रोहित शर्मा की मां पूर्णिमा शर्मा विशाखापट्टनम की रहने वालीं हैं और पिता गुरुनाथ उस समय ये ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम के केयरटेकर थे। रोहित शर्मा का लालन-पालन उनके दादा-दादी ने किया। वह उन्हीं के पास रहते थे क्योंकि उनके पिता की इतनी आमदनी नहीं थी कि वह बच्चों को अपने पास रख पाते।

चाचा ने कराया क्रिकेट क्लब ज्वाइन : रोहित के माता-पिता डोमीवली में एक कमरे में किराये पर रहते थे और वह वीकेन्डस में केवल रोहित से मिलने आते थे। रोहित शर्मा के बड़े भाई विशाल शर्मा भी हैं। रोहित शर्मा शुरू से क्रिकेट के प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे लेकिन पैसे के अभाव के चलते अपनी इच्छा प्रकट नहीं कर पाते थे। एक दिन उनके चाचा ने ही उन्हें अपने पैसे से 1999 में िक्रकेट कैम्प ज्वाइन कराया। उस समय उनके कोच दिनेश लाड थे।

रोहित शर्मा नहीं कर सके इस स्कूल का खर्च वहन : दिनेश लाड ने रोहित से कहा कि तुममे क्रिकेट की अच्छी प्रतिभा है और तुम अपना स्कूल बदल कर स्वामी विवेकानन्द इंटरनेशनल स्कूल में दाखिला ले लो जहां पर मैं कोच हूं वहां मैं तुम्हारी इससे अधिक मदद कर सकता हूं। इस पर रोहित शर्मा ने कहा कि वह उस स्कूल के खर्चे बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसके बाद दिनेश लाड ने रोहित शर्मा को स्कॉलरशिप दिलाई। चार साल तक एक पैसा नहीं लगा लेकिन रोहित शर्मा ने क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया।

शुरुआती बॉलर रोहित शर्मा ने बिखेरा बल्लेबाजी में जलवा : रोहित शर्मा ने अपना कैरियर स्पिनर के रूप में शुरू किया। इस बीच कोच लाड ने देखा कि रोहित अच्छी बैटिंग कर सकते हैं। उनकी बैटिंग क्षमता को पहचानते हुए दिनेश लॉड ने उन्हें आठ नंबर की जगह पर ओपनिंग गराई । रोहित शर्मा ने हैरिस एण्ड गिब्स शील्ड स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के अपने डेब्यू मैच में शानदार शतक जड़कर एक अच्छे ओपनर के रूप में अपनी प्रतिभा का आगाज कर दिया था। रोहित शर्मा ने इसके बाद 2005 में अपना क्रिकेटीय सफर शुरू किया। देवधर ट्रॉफी में सेट्रल जोन के खिलाफ वेस्ट जोन से खेलते हुए 123 गेंदों में 142 रन बनाकर सनसनी मचा दी थी।

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