विराट कोहली और सौरव गांगुली द्वारा हाल के दिनों में कप्तानी के बारे में की गई टिप्पणियों ने भारतीय क्रिकेट बिरादरी को झकझोर दिया है। दोनों ने एक ही मुद्दे के बारे में दो अलग-अलग कहानियां सुनाई हैं, जिसके बाद भारतीय क्रिकेट फैंस भी ये नहीं समझ पा रहे हैं कि इस पुरे कहानी में कौन सही है और कौन गलत। हालांकि इस बीच दोनों पक्षों को प्रशंसकों और पूर्व क्रिकेटरों का भरपूर समर्थन मिला है।
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इसी बीच 1983 की वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रहे पूर्व भारतीय ऑलराउंडर कीर्ति आजाद ने इस मुद्दे पर अपनी टिप्पणी दी है। News18 के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान, आजाद ने बताया कि चयनकर्ताओं को कोहली को वनडे कप्तानी पद से हटाने के संबंध में पहले गांगुली से परामर्श करना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रथा का पालन लंबे समय से किया जा रहा था, ऐसा तब भी होता था जब वह राष्ट्रीय चयनकर्ता थे।
विराट और BCCI विवाद पर कीर्ति आजाद ने दिया बड़ा बयान
कीर्ति आजाद ने कहा कि, “अगर चयनकर्ताओं को इस पर फैसला लेना था तो उन्हें बोर्ड प्रेसिडेंट के पास जाना चाहिए था। जब एक टीम का चयन किया जाता है तब आम तौर पर, क्या होता है ?, जब मैं भी एक राष्ट्रीय चयनकर्ता था, हम टीम का चयन करते थे और बोर्ड के अध्यक्ष के पास जाते थे। वह देखेगा, ठीक है, इस पर हस्ताक्षर करेगा और फिर इसकी घोषणा की जाएगी। यह हमेशा से रिवाज रहा है।”
कोहली ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि, उन्हें दक्षिण अफ्रीका सीरीज के लिए टेस्ट टीम की घोषणा से डेढ़ घंटे पहले एकदिवसीय कप्तान के पद से हटाए जाने के बारे में पता चला। कोहली के बयान ने पहले से ही इस उलझी हुई कहानी में एक और अध्याय जोड़ दिया है। जिसके बाद कई लोगों ने सोचा है कि क्या चयनकर्ताओं को यह अहम फैसला लेने से पहले कोहली से सलाह मशविरा करना चाहिए था।
आजाद ने यह भी कहा कि, “जाहिर है, अगर आप किसी भी प्रारूप के लिए कप्तान बदल रहे हैं, तो आप अध्यक्ष को लिखें और सूचित करें। विराट नाराज नहीं हैं, लेकिन मुझे लगता है कि जिस तरह से उन्हें सूचित किया गया है, उससे वह आहत हैं।”