झूलन गोस्वामी दीदी ने मेरी जिंदगी में बड़ी भूमिका निभाई है: Titas Sadhu

Titas Sadhu ने भारतीय महिला टीम की ओर से काफी अच्छी गेंदबाजी की और चार ओवर में 17 रन देकर चार विकेट झटके।

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Titas Sadhu (Pic Source-Twitter)

युवा तेज गेंदबाज तितास साधु (Titas Sadhu) ने ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ नवी मुंबई के डॉक्टर डी वाय पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी में खेले गए पहले टी20 मुकाबले में भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इस मुकाबले को भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 9 विकेट से जीता था।

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Titas Sadhu ने भारतीय महिला टीम की ओर से काफी अच्छी गेंदबाजी की और चार ओवर में 17 रन देकर चार विकेट झटके। युवा तेज गेंदबाज की घातक गेंदबाजी की वजह से ऑस्ट्रेलिया महिला टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 19.2 ओवर्स में 141 रन पर ऑलआउट हो गई। जवाब में भारतीय महिला टीम ने इस लक्ष्य को एक विकेट खोकर हासिल कर लिया।

तमाम लोगों ने इस युवा तेज गेंदबाज की गेंदबाजी की जमकर प्रशंसा की है। हाल ही में तितास साधु ने इस बात का खुलासा किया कि पूर्व भारतीय गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने उन्हें महत्वपूर्ण सलाह दी थी जिसकी वजह से ही वो ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ पहले टी20 मैच में अच्छी गेंदबाजी कर पाई। झूलन गोस्वामी दुनिया की बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक है।

तितास साधु ने पहले टी20 मुकाबले के बाद कहा कि, ‘मैं आपको बताती हूं कि वो मेरी झूलन दीदी से पहले बातचीत थी और उन्होंने मुझसे कहा था कि, ‘बाकी सब चीजों के बारे में सोचना छोड़ दो और सिर्फ तेज गेंदबाजी करो। क्योंकि अगर आप तेज गेंदबाज है तो आपको तेज गेंदबाजी करनी होगी और मुझे लगता है कि यही की है।’

झूलन गोस्वामी ने मेरी जिंदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है: तितास साधु

तितास साधु ने आगे कहा कि, ‘झूलन दीदी ने मेरी जिंदगी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है क्योंकि जब मैं उन्हें पहली बार देखा था तब मैं 13 साल की थी और वो लगातार बेहतरीन गेंदबाजी कर रही थी। इस समय वो दिल्ली में बंगाल टीम के साथ है और मैं इस काम के बाद टीम के साथ जुड़ जाऊंगी। उनके साथ काम करके मुझे काफी अच्छा लग रहा है और मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं। आप खुद बताएं कि भारतीय महिला टीम की ओर से किन खिलाड़ियों ने 20 सालों में 100 मैच खेले हैं? मैं खुद अभी 20 साल की हूं।’

युवा खिलाड़ी ने महिला प्रीमियर लीग में अपने अनुभव को लेकर बताया कि, ‘U-19 से मैं आई थी और पूरे टूर्नामेंट में मुझे सिर्फ बेंच में ही रखा हुआ था। मैंने अपने ट्रेनर Wayne से बातचीत की और उन्होंने मुझे समझाया कि पुरुष आईपीएल में 25 खिलाड़ी होते हैं और ऐसे कई बेहतरीन खिलाड़ी होते हैं जिन्हें ढाई महीने के लिए सिर्फ बाहर ही बैठना पड़ता है। आपको भी मौका मिलेगा बस अभ्यास करना बेहद जरूरी है। मैंने कड़ा अभ्यास किया और ज्यादा से ज्यादा सीखने की कोशिश की।’

 

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