अंबेडकर पर फेक अकाउंट से हुआ ट्वीट लेकिन फंस गए पंड्या

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Hardik Pandya. (Photo Source: Twitter)

भारत के संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर पर विवादास्पद ट्वीट करने के मामले में भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पंडया पर जोधपुर की अदालत ने बुधवार को जोधपुर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. लेकिन आज इस पूरे मामले का खुलासा हो गया और जांच में पाया गया की हार्दिक पंड्या के नाम से ट्विटर पर किसी ने फेक अकाउंट बना रखा जिससे भीमराव अंबेडकर पर विवादास्पद टिप्पणी की गई थी.

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संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर पर ट्विटर पर किसी ने फेक अकाउंट बनाकर विवादास्पद बयान दिया था. हार्दिक पंड्या के नाम से बने इस फेक अकाउंट का नाम @sirhardik3777 था जिसे हार्दिक पंड्या ने वेरीफाई नहीं किया था इस ट्विटर अकाउंट को कोई और ही चला रहा था हार्दिक पंड्या का वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट @hardikpandya7 है. और इस अकाउंट से पिछले साल 26 दिसंबर को कोई भी ट्वीट पंड्या ने नहीं किया था.

Hardik Pandya. (Photo Source: Twitter)

@sirhardik3777 के फेक अकाउंट से भीमराव अंबेडकर पर ट्वीट कर लिखा गया की. कौन अंबेडकर?? वही जिसने दो तरह का कानून बनाया और आरक्षण जैसी बीमारी फैलाई. इसी ट्वीट के बाद यह पूरा बखेड़ा खड़ा हुआ और जोधपुर की अदालत ने हार्दिक पांड्या पर एफआईआर दर्ज करने का फैसला सुनाया. हार्दिक पंड्या पर FIR करने वाले अधिवक्ता डी आर मेघवाल ने बताया था की 26 दिसंबर को हार्दिक पंड्या ने भीमराव अंबेडकर के खिलाफ विवादास्पद ट्वीट किया था.

अधिवक्ता डी आर मेघवाल लूणी पुलिस थाने में हार्दिक पंड्या पर एफआईआर दर्ज करने पहुँचे थे. लेकिन लूणी पुलिस ने हार्दिक पंड्या पर एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया था. लूणी थाना पुलिस का कहना था इतने बड़े क्रिकेटर पर वो एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते हैं. जिसके बाद अधिवक्ता ने कोर्ट का शरण लिया और कोर्ट पहुंचकर इस्तगासा पेश किया. जिस पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए हार्दिक पंडया पर बुधवार को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

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