ट्विटर प्रतिक्रियाएं: डरबन टेस्ट में खराब अंपायरिंग पर भड़के बांग्लादेश टीम के निदेशक और फैंस, याद आई विराट कोहली की हरकत

भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भी खराब अंपायरिंग देखने को मिली थी। उस समय विराट कोहली ने स्टंप माइक के माध्यम से अंपायर को खरी-खरी सुनाई थी।

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Khaled Mahmud. (Photo Source: Twitter)

बांग्लादेश क्रिकेट टीम फिलहाल दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर है, और दोनों टीमों के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। डरबन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में खराब अंपायरिंग देखने को मिली, जहां आठ फैसले पलटे गए और अधिकांश बांग्लादेश के खिलाफ गए।

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बांग्लादेश क्रिकेट टीम के निदेशक खालिद महमूद डरबन में पहले टेस्ट के चौथे दिन अंपायरों के कई फैसलों से खुश नहीं थे, जो मेहमान टीम के खिलाफ गए थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से भी खराब अंपायरिंग को लेकर ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है।

चौथे दिन के खेल में डीआरएस रेफरल के बाद तीसरे अंपायर द्वारा सात फैसले बदले गए, क्योंकि ऑन-फील्ड अंपायर एड्रियन थॉमस होल्डस्टॉक और उनके वरिष्ठ साथी मरैस इरास्मस का पूरे दिन प्रदर्शन सही नहीं था।

खराब अंपायरिंग पर खुलकर नाराजगी जताते हुए खालिद महमूद ने कहा अगर फैसले उनकी टीम के पक्ष में गए होते तो उन्हें 270 का नहीं बल्कि 180 रनों का पीछा करना होता। हालांकि, बांग्लादेश क्रिकेट टीम दूसरी पारी में 53 रनों पर आल-आउट हो गई और इस तरह उन्हें 220 रनों की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।

खराब अंपायरिंग की शिकार हुई बांग्लादेश क्रिकेट टीम

कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण आईसीसी (ICC) को मेजबान देशों से अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए अंपायरों की नियुक्ति करना पड़ रहा है, और खालिद महमूद ने दावा किया है कि यह बांग्लादेश के जीतने के अवसरों पर भारी पड़ रहा है। आपको बता दें, भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भी खराब अंपायरिंग देखने को मिली थी। उस समय विराट कोहली ने स्टंप माइक के माध्यम से अंपायर को खरी-खरी सुनाई थी।

मैच के बाद खालिद महमूद ने मीडिया को बताया: “मुझे लगता है कि अंपायर टेस्ट मैच में बड़ी भूमिका निभाते हैं और परिणाम बहुत कुछ उनके फैसलों पर निर्भर करते है। सुबह से सभी ने अंपायरिंग देखी है, और इसमें छिपाने जैसा कुछ नहीं है। कुछ फैसले हमारे खिलाफ गए और अगर ऐसा नहीं होता तो हम 270 के बजाय 180 रनों का पीछा कर रहे होते।”

उन्होंने आगे कहा, “अंपायर जज होते हैं और हम उनका सम्मान करते हैं, लेकिन हम रिव्यू लेकर एक विकेट (कीगन पीटरसन LBW) ले सकते थे, लेकिन डर के मारे हम इसके लिए नहीं गए। सच कहूं तो, मैंने लंबे समय से ऐसी असंगत अंपायरिंग नहीं देखी। अब सब कुछ खुला है और हमें लगता है कि आईसीसी (ICC) को देखना चाहिए कि क्या न्यूट्रल अंपायर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।”

आपको बता दें, पहले टेस्ट मैच में बांग्लादेश को ऑन-फील्ड अंपायर के फैसलों को पलटने के लिए बार-बार रिव्यू लेना पड़ा, लेकिन कई बार ‘अंपायर कॉल’ के कारण ऑन-फील्ड अम्पायरों द्वारा दिए गए फैसले को ही माना गया। इसके अलावा, अंपायर एड्रियन थॉमस होल्डस्टॉक ने सरेल एरवी को आउट नहीं दिया, जबकि खुली आंखों से देखने पर साफ पता चल रहा था कि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज आउट है।

देखें कैसे फैंस ने डरबन टेस्ट में खराब अंपायरिंग पर प्रतिक्रिया दी –

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