विराट के ‘पांडव’, अफ्रीका में मचाएंगे तांडव !

Advertisement

Team India. (Photo Source: Twitter)

साल 2017 में टीम इंडिया के टेस्ट क्रिकेट का सफर जीत के जिस सिलसिले पर आकर खत्म हुआ, क्या अब वहीं से नए साल में ये आगे बढ़ेगा, बड़ा सवाल है। दरअसल, 2017 में टीम इंडिया ने जितनी भी टेस्ट सीरीज जीती वो उसने अपनी सरजमीं या फिर स्पिन फ्रेंडली भारतीय उपमहाद्वीप की विकेटों पर जीते। लेकिन, 2018 में उसके सामने विदेशी चैलेंज होगा, तेज और बाउंसी विकेटों का मायाजाल होगा, जिसमें उलझकर मात खाना उसकी पुरानी आदत रही है।

Advertisement
Advertisement

भारतीय टीम का ये विदेशी चैलेंज साउथ अफ्रीका दौरे से शुरू हो रहा है, जहां आज भी उसे अपनी पहली टेस्ट सीरीज का इंतजार है। भारत ने अब तक साउथ अफ्रीका में 6 टेस्ट सीरीज खेली है, जिसमें 5 सीरीज में उसे हार मिली है, जबकि 1 सीरीज ड्रॉ रही है।

घरेलू सरजमीं पर खेली टेस्ट सीरीज में विराट एंड कंपनी की सफलता में भारतीय पेस अटैक का अहम योगदान रहा है। अब इन्हीं के कंधों पर साउथ अफ्रीका में भी जीत दिलाने का दारोमदार है। दूसरे लहजे में कहें तो ये भारतीय तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा की साउथ अफ्रीका में टीम इंडिया का इतिहास बदलेगा या नहीं। आईए एक नजर डालते हैं उस भारतीय पेस अटैक पर जिसे दक्षिण अफ्रीका में इतिहास बदलने का जिम्मा सौंपा गया है।

मोहम्मद शमी

टेस्ट क्रिकेट में शमी भारतीय तेज गेंदबाजी के अगुआ है । उनकी ताकत उनकी रिवर्स स्विंग है, जो कि साउथ अफ्रीका की तेज विकेटों पर कहर बरपा सकती है । शमी ने साल 2017 में खेले 5 टेस्ट में 17 विकेट चटकाएं हैं। वहीं, रणजी के 4 मुकाबलों में इस साल उनके नाम 24 विकेट दर्ज हैं। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में शमी ने कहा था कि सिर्फ बारतीय सरजमीं पर ही नहीं बल्कि आने वाले विदेशी दौरों पर भी सभी टीमों को एक-एक कर नापेंगे । शमी के मौजूदा फॉर्म को देखते हुए ये नामुमकिन भी नहीं लग रहा ।

ईशांत शर्मा

श्रीलंका के खिलाफ खत्म हुई हालिया टेस्ट सीरीज में ईशांत जिस फॉर्म में दिखे, उसने सभी को 2007-08 वाले पुराने ईशांत की याद दिला दी। साल 2017 में खेले 6 टेस्ट में ईशांत ने 14 विकेट चटकाए हैं , जिसमें अकेले श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के 2 मैचों में उन्होंने 8 विकेट लिए हैं । इसके अलावा इस साल खेले 4 रणजी मुकाबले में ईशांत के नाम 20 विकेट दर्ज हैं। फिलहाल एंकल इंजरी से उबरने की जुगत में जुटे ईशांत के इसी फॉर्म की दरकार टीम को नए साल के पहले विदेश दौरे पर भी होगी । ईशांत की ताकत उनके बाउंसर्स हैं , जो कि साउथ अफ्रीका की तेज और उछाल वाली विकेटों पर टीम इंडिया की बिगड़ी बनाते दिख सकते हैं।

उमेश यादव

उमेश अपने 100वें टेस्ट शिकार से सिर्फ एक विकेट दूर हैं और उम्मीद है कि उनकी ये कामयाबी साउथ अफ्रीका में जाकर जरुर पूरी होगी। दरअसल, वहां की तेज और बाउंसी पिचें उनकी गेंदबाजी के लिए परफेक्ट है । उमेश ने 2017 खेले 10 टेस्ट में 31 विकेट झटके हैं । इसके अलावा विदर्भ की टीम को पहली बार रणजी के फाइनल में पहुंचाने में भी उनका अहम रोल रहा है। उमेश ने इस साल खेले 3 रणजी मैचों में 14 विकेट चटकाए हैं ।

भुवनेश्वर कुमार

भारतीय तेज गेंदबाजी डिपार्टमेंट का ये वो नाम है जिस पर कप्तान विराट सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। भुवनेश्वर की काबिलियत उनकी धारदार स्विंग में है । खासकर विकेट जब तेज गेंदबाजी के अनुकूल हो , जैसा की साउथ अफ्रीका में मिलने की गुंजाइश है, भुवी और भी असरदार हो जाएंगे । साल 2017 में खेले 3 टेस्ट में भुवी ने 11 विकेट चटकाए हैं । भुवी ने इसी साल टेस्ट क्रिकेट में अपने टेस्ट विकेटों का अर्धशतक लगाया है , यानी नए साल के विदेशी दौरों पर उनकी कोशिश टेस्ट क्रिकेट में विकेटों का शतक पूरा करने की होगी।

जसप्रीत बूमराह

बूमराह अब तक लीमिटेड ओवर क्रिकेट में भारतीय टीम के अहम हथियार थे। लेकिन , साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने के मिशन में उन्हें भी शामिल किया गया है । साउथ अफ्रीका में बूमराह को अगर टेस्ट डेब्यू का मौका मिलता है तो उनका अजीबोगरीब एक्शन और सटीक लाइन लेंथ के साथ तेज पड़ने वाला यॉर्कर प्रोटियाज टीम के होश उड़ा सकता है।

Advertisement