इंग्लैंड के एजबेस्टन में इतिहास रचने के बाद बेन स्टोक्स ने भारत पर कसा तंज

इंग्लैंड चाहता था कि भारत कम से कम उन्हें 450 रनों का टारगेट दे!

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Ben Stokes and Jasprit Bumrah (Image Source: ECB Twitter)

इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने एजबेस्टन में भारत के खिलाफ पुनर्निर्धारित पांचवें और अंतिम टेस्ट में 378 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक हासिल करने का श्रेय अपनी टीम के नए निडर दृष्टिकोण और ड्रेसिंग रूम के माहौल को दिया है। इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने 5 जुलाई को पुनर्निर्धारित पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच सात विकेट से जीतकर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज टीम इंडिया के साथ 2-2 से साझा की।

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मैच के बाद बेन स्टोक्स ने स्वीकार किया कि 378 रनों के लक्ष्य का पीछा करना पांच से छह सप्ताह पहले डरावना हो सकता था, लेकिन ब्रेंडन मैकुलम की शैली ने इंग्लैंड के लिए चीजें बहुत आसान कर दी है। स्टार ऑलराउंडर ने यह भी कहा कि वे चाहते थे कि भारत कम से कम उन्हें 450 रनों का टारगेट दे, ताकि वे खुद को और चुनौती दे सकें। आपको बता दें, यह टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड का सर्वाधिक सफल रन चेज था।

अन्य टीमें हमसे अधिक बहादुर नहीं है: बेन स्टोक्स

बेन स्टोक्स ने mirror.co.uk के हवाले से कहा: “आप सभी को पिछले कुछ समय से काफी परिवर्तन देखने को मिले और सभी हमारी टीम की मानसिकता से लेकर हमारे दृष्टिकोण के बारे में बात कर रहे हैं। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि अगर आपको अपनी भूमिका और टीम जो हासिल करना चाहती है, उसके बारे में वास्तविक स्पष्टता हो, तो आपके लिए चीजें बहुत आसान हो जाती हैं। हम जानते हैं कि हम क्या करने जा रहे थे।

हम जानते थे कि हम हमेशा कि तरह मैदान में अपनी पूरी कोशिश करेंगे और पूरे विश्वास और बहादुरी के साथ सफलता से लक्ष्य का पीछा करेंगे। शायद अन्य टीमें हमसे बेहतर हैं, लेकिन वे हमसे बहादुर नहीं होंगी। मुझे लगता है कि चीजों को लेकर स्पष्टता और ड्रेसिंग रूम के शानदार माहौल ने इस महत्वपूर्ण मैच और इतने बड़े लक्ष्य को बहुत आसान बना दिया। इस समय हमारे ड्रेसिंग रूम का माहौल बेहद आत्मविश्वासी और साहसिक है।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आपको जो बाहरी दबाव झेलना होता है, उसे ध्यान में रखते हुए, पांच या छह सप्ताह पहले 378 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करना डरावना  होता, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, हमारे लिए चीजें काफी आसान रही। मैं चाहता था कि भारत 450 रनों तक पहुंचें, फिर देखते कि हम क्या कर सकते थे!”

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