क्रिकेट के व्यस्त कार्यक्रम के चलते खिलाड़ी अक्सर ब्रेक ले लेते हैं, जिसे लेकर कई बार उनको आलोचना का शिकार होना पड़ता हैं, लेकिन पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर स्टुअर्ट लॉ का मानना है कि व्यस्त कार्यक्रम के बीच खिलाड़ी अपने परिवार के साथ समय बिताने के हकदार हैं।
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न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने हाल ही में अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने के लिए न्यूजीलैंड क्रिकेट से केंद्रीय अनुबंध से मुक्त होने का अनुरोध किया, और लॉ ने उनके इस फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा आधुनिक युग में खिलाड़ी अपने परिवारों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसके वे हकदार हैं।
क्रिकेटर अपने परिवार के साथ समय बिताने के हकदार है: स्टुअर्ट लॉ
स्टुअर्ट लॉ ने क्रिकट्रैकर के बैटब्रिक्स7 प्रेजेंट्स रन की रणनीति शो पर कहा: “आप अपने बच्चों को जितना हो सके बड़े होते देखना चाहते हैं, उनके साथ समय बिताना चाहते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते समय आपको कभी भी राष्ट्रीय कर्तव्य के लिए यात्रा पर निकलना पड़ता हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट आपसे आपका बहुत ज्यादा समय ले लेता है। इस समय युवा खिलाड़ी जल्दी शादी कर रहे हैं, और परिवार शुरू कर रहे हैं।
मैं इस चीज को समझता हूं जब वे ब्रेक लेते है। वे अपने परिवार के साथ जन्मदिन तक नहीं मना पाते, और मैंने तो कुछ ऐसे भी खिलाड़ियों को देखा है, उनके साथ खेला है, जो अपने बच्चों के जन्म के समय तक अपनी पत्नियों के साथ नहीं थे। आज के जमाने में ऐसा नहीं होता है। वे आपके जीवन के बड़े पल हैं, आप उन्हें वापस नहीं जी सकते हैं।”
इस बीच, पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि बच्चा होने के बाद क्रिकेटर की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। वे दुनिया भर में बच्चे के साथ यात्रा नहीं कर सकते हैं, जिसके कारण उन्हें अपने बच्चों और परिवारों के साथ समय बिताने के लिए ब्रेक लेने की जरूरत पड़ती है।
बच्चे के जन्म के साथ क्रिकेटर की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं: वसीम जाफर ने
वसीम जाफर ने क्रिकट्रैकर को बताया: “जब तक आपके बच्चे नहीं हैं, आप अपने पार्टनर के साथ अपने असाइनमेंट के लिए कहीं की भी यात्रा कर सकते हैं। लेकिन एक बार जब आपका बच्चा हो जाता है, तो ऐसा करना मुश्किल हो जाता है। खिलाड़ियों को अपने बच्चों और उनकी पढ़ाई पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है।
बच्चे के जन्म के साथ क्रिकेटर की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। न केवल खिलाड़ी, यहां तक कि प्रसारकों के साथ भी, जितने मैच वे कवर करते हैं, उनके लिए भी चीजें मुश्किल हो जाती है, लेकिन यह बलिदान उन्हें करना होता है। व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए वे जन्मदिन और वर्षगांठ से भी चूक जाते हैं, जिसका मतलब है कि खिलाड़ी लगभग पूरे वर्ष क्रिकेट खेल रहे हैं।”