युवराज सिंह की तरह बनना चाहते हैं अभिषेक शर्मा, कहा- मुझे बल्लेबाजी में जो भी सही करना था वो युवी पाजी ने….

शर्मा ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 10 मैचों में 192.46 की जबरदस्त स्ट्राइक रेट से 485 रन बनाए।

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Abhishek Sharma And Yuvraj Singh (Image Credit- Instagram)

सनराइजर्स हैदराबाद ने 2022 में मेगा ऑक्शन से पहले अभिषेक शर्मा को रिटेन करने का फैसला करके कई फैंस  को हैरान कर दिया। हालांकि, युवा खिलाड़ी ने इंडियन प्रीमियर लीग के पिछले कुछ सीजन में अच्छा प्रदर्शन करके अपनी टीम का भरोसा जीता है। हाल ही में, उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पंजाब की पहली जीत में बड़ी भूमिका निभाई। शर्मा ने दस मैचों में 192.46 की जबरदस्त स्ट्राइक रेट से 485 रन बनाए। इसके बावजूद, उन्हें अब तक टीम इंडिया में जगह नहीं मिली है।

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सलामी बल्लेबाज ने शुभमन गिल के साथ फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया था। शुभमन अब टीम इंडिया के लिए ऑल फॉर्मेट प्लेयर बन गए हैं, जबकि अभिषेक को अभी भी स्किम ऑफ़ थिंग्स में जगह बनाना बाकी है। ऐसे में IPL का आगामी संस्करण उनके लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। अगर वो आगमी आईपीएल सीजन में बल्ले से रन बनाते हैं तो उनको टी-20 वर्ल्ड कप के बाद किसी भी सीनियर क्रिकेटर की जगह राष्ट्रीय टीम में शामिल किया जा सकता है।

युवराज सिंह को लेकर अभिषेक शर्मा ने दिया बड़ा बयान

इस बीच, अपनी बल्लेबाजी तकनीक के बारे में बात करते हुए, शर्मा ने कहा कि उन्हें खराब गेंदों पर शॉट्स लगाना पसंद है, चाहे वह किसी भी प्रारूप में खेल रहे हों। 23 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि, उनके आदर्श युवराज सिंह ने उनकी बल्लेबाजी में थोड़ा तकनीकी समायोजन किया और कहा कि वह उनकी तरह बनना चाहते थे।

हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से अभिषेक शर्मा ने कहा कि, “बुनियादी बातें वही हैं। टी-20 में आप हर गेंद पर रन बनाने की कोशिश करते हैं जबकि अन्य प्रारूपों में आपके पास अतिरिक्त समय होता है। लेकिन मेरे पास एक आसान फिलोस्पी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि प्रारूप क्या है, अगर कोई गेंद हिट करने के लिए है, तो मैं उसे हिट करूंगा। मुझे जो भी तकनीकी समायोजन की आवश्यकता थी वह युवी पाजी द्वारा किया गया था।”

उन्होंने आगे कहा कि, “जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया तो वह मेरे आदर्श थे। मैं हमेशा उनके जैसा बनना चाहता था।’ मेरी उनसे पहली मुलाकात पंजाब टीम में हुई थी। शायद उन्होंने मुझमें कुछ देखा था। वह हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते हैं। वह वास्तव में मेरा समर्थन करता है। जब भी मैं कम स्कोर पर आउट होता हूं तो वह हमेशा मुझसे बात करते हैं।’ वह मेरे अगले मैच को लेकर हमेशा आश्वस्त रहते हैं।’ मुझसे बात करने के बाद मुझे काफी हौसला मिलता है.’ यहां तक ​​कि मैदान के बाहर भी युवराज सिंह से बेहतर मार्गदर्शन कोई नहीं दे सकता।”

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