भारतीय क्रिकेट टीम के लिए लिमिटेड ओवर क्रिकेट में युवराज सिंह का कद काफी उचां रहा है जिसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि वह टीम के लिए सबसे बड़े मैच विनर थे और जिन्होंने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप और उसके बाद 2011 में वनडे विश्वकप में टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी वह भी बल्ले और गेंद दोनों से.
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भले ही इस समय युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा नहीं है और उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच साल 2017 जून में खेला था. इस बाएं हाथ के सबसे बड़े बल्लेबाज ने अपने क्रिकेट जीवन के करियर को लेकर कहा है कि वह इसके बारे में कोई बड़ा निर्णय 2019 के विश्वकप के बाद में लेंगे. युवराज ने अपने इस बयान में इस बात को बोला कि वह पिछले 2 दशक से भारतीय टीम के लिए खेल रहे है और एक समय उन्हें अपने सन्यास के बारे में निर्णय लेना ही होगा.
हर किसी को लेना पड़ता है निर्णय
युवराज सिंह का टाइम्स ऑफ इंडिया में छपा एक बयान जिसमें उन्होंने कहा कि “मैं 2019 तक अपने क्रिकेट करियर को ले जाना चाहता हूँ और उस उसके बाद ही मुझे अपने क्रिकेट करियर के बारे में उस साल के अंत में निर्णय लेना है. हर किसी को एक दिन ये निर्णय लेना ही पड़ता है, मैं 2000 से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा हूँ जो लगभग 17 से 18 साल हो जायेंगे और इसीलिए मैं 2019 के बाद इस बारे में बड़ा निर्णय ले लूँगा.”
एक फाइटर खिलाड़ी के रूप में पहचाने जाते है
क्रिकेट जगत में युवराज सिंह को एक फाइटर खिलाड़ी के रूप में पहचाना जाता है जिन्होंने खुद के जीवन को खतरे में डालते हुए करोड़ों भारतीय फैन्स की ख्वाइश को पूरा किया था. जिस समय युवराज 2011 में वनडे क्रिकेट विश्वकप में भारतीय टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे उस समय उन्हें कैंसर की बिमारी हो गयीं थी और वेस्टइंडीज के खिलाफ महत्वपूर्ण मैच से पहले युवराज को खून की उल्टियाँ तक होंने लगी थी लेकिन फिर भी उसके बाद भी इस खिलाड़ी ने हार नहीं मानी और भारतीय टीम के लिए उस मैच में महत्वपूर्ण पारी खेल कर टीम की जीत में अहम योगदान दिया था.