अगर राहुल त्रिपाठी को प्लेइंग XI में शामिल करना ही नहीं हैं तो उन्हें आप टीम में क्यों ही ले रहे हैं: आकाश चोपड़ा
सवाल यही उठता है कि आप राहुल त्रिपाठी का चयन तो कर रहे हैं लेकिन उन्हें मौके नहीं दे रहे हैं। जब मौके देना ही नहीं है तो आप उन्हें टीम में शामिल क्यों कर रहे हैं: आकाश चोपड़ा
अद्यतन - अगस्त 23, 2022 2:36 अपराह्न
आकाश चोपड़ा ने भारतीय टीम मैनेजमेंट के इस फैसले पर सवाल उठाया है कि राहुल त्रिपाठी और ऋतुराज गायकवाड़ को जिंबाब्वे के खिलाफ खेले जा चुके तीसरे वनडे मुकाबले के प्लेइंग XI में आखिर क्यों नहीं शामिल किया गया।
बता दें, 22 अगस्त को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेले जा चुके तीसरे वनडे मुकाबले में भारत ने जिंबाब्वे को 13 रनों से मात दी। उन्होंने इस सीरीज को 3-0 से अपने नाम किया। इस सीरीज में कई भारतीय खिलाड़ियों ने वापसी भी की। भारतीय टीम ने शुरुआती दो वनडे मुकाबलों में समान बल्लेबाजी क्रम को खिलाया।
आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल में वीडियो को साझा करते हुए भारतीय टीम मैनेजमेंट से राहुल त्रिपाठी को टीम में शामिल ना करने को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि, ‘जो लोग क्रिकेट खेल को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं उन्होंने कहा था कि ऋतुराज गायकवाड़ और राहुल त्रिपाठी को इस सीरीज में मौका देना चाहिए लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। सवाल यही उठता है कि आप राहुल त्रिपाठी का चयन तो कर रहे हैं लेकिन उन्हें मौके नहीं दे रहे हैं। जब मौके देना ही नहीं है तो आप उन्हें टीम में शामिल क्यों कर रहे हैं।
ऋतुराज गायकवाड़ के लिए आकाश चोपड़ा ने कहा कि, ‘ एक ऐसा मुकाबला जिसमें कुछ नहीं बचा है उसमें भी आप गायकवाड़ को मौका नहीं दे रहे हैं। आपने बल्लेबाजी क्रम को भी वैसा ही रखा। शिखर धवन और केएल राहुल को ओपनिंग करते हुए देखा गया। शुभमन गिल फिर इशान किशन, संजू सैमसन और दीपक हुड्डा।
अच्छा हुआ कि तीसरे वनडे मुकाबले में टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया: आकाश चोपड़ा
आकाश चोपड़ा ने आगे कहा कि आपने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया जिसका मतलब यह नहीं होता कि आप मुकाबला हार जाएंगे। भले ही मुकाबला अंत तक गया हो लेकिन आपने जीत लिया। अगर आपने थोड़ी और अच्छी बल्लेबाजी की होती तो शायद यह मुकाबला आप पहले ही जीत जाते। लेकिन ठीक है कम से कम आपने अपने आप को चुनौती तो दी।
उन्होंने आगे कहा कि,’चुनौती देना आपके हाथ में है क्योंकि इससे आपको अपने अंदर और भरोसा हो जाता है। विरोधी टीम कभी आपको चुनौती नहीं देगी आपको अपने आप से खुद ही लड़ना होगा। भारतीय टीम ने वैसा ही किया।