जानिए कौन हैं शुभमन गिल जो लाल रंग के रूमाल के बिना मैदान पर नहीं उतरते, वजह ख़ास है!
अद्यतन - जनवरी 14, 2019 11:56 पूर्वाह्न
हार्दिक पांड्या और केएल राहुल के सस्पेंड होने के बाद भारतीय चयनकर्ताओं ने युवा बल्लेबाज़ शुभमन गिल पर भरोसा दिखाया है। शुभमन गिल जल्द ही इंटरनेश्नल क्रिकेट का आगाज़ कर सकते हैं।
शुभमन गिल का नाम सुर्खियों में आने के बाद काफी लोग उनके बारे में जानना चाह रहे हैं।
पंजाब के छोटे से गांव से निकला ये बल्लेबाज़ अपनी बल्लेबाज़ी के दम पर टीम इंडिया के चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने में सफल रहा है। ऐसे में आज हम आपको इस बल्लेबाज़ से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से बताएंगे।
1- पंजाब के फाज़िल्का में हुआ जन्म
शुभमन गिल का जन्म पंजाब के फाज़िल्का गांव में हुआ। शुभमन गिल के पिता लखविंद सिंह किसान हैं। 8 सितंबर साल 1999 में जन्मे शुभमन गिल को बचपन से ही क्रिकेट का काफी शौक था। उनके इस शौक को उनके पिता ने कभी ख़त्म नहीं होने दिया और एक बेहतरीन क्रिकेटर बनाया।
2- स्टंप से शुरु की बल्लेबाज़ी करना
शुभमन गिल ने गांव में ही अपने खेतों में स्टंप से ही बल्लेबाज़ी करना शुरु की थी। इसकी वजह भी काफी दिलचस्प है। उनके पिता लखविंदर सिंह का मानना था कि स्टंप से बल्लेबाज़ी की प्रैक्टिस करने के दौरान गेंद उनके बल्ले पर बीचोंबीच आएगी। जिससे वह बेहतरीन रूप से शॉट लगा सकेंगे।
3- घरेलू मैचों में दमदार प्रदर्शन
साल 2014 में शुभमन गिल ने पंजाब इंटर डिस्ट्रिक्ट अंडर 16 टूर्नामेंट में 351 रन बनाए। इसके बाद विजय मर्चेंट टूर्नामेंट में दोहरा शतक ठोका। विजय हजारे ट्राफी में उनका बल्ला जमकर गूंजा।
साल 2018 के अंडर 19 वर्ल्डकप में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
पाकिस्तान टीम के खिलाफ नाबाद 102 रनों की मैच जिताऊ पारी खेलने के बाद वह सबकी नजरों में आए। जिसके बाद सचिन, द्रविड़ और लक्ष्मण ने उनकी बल्लेबाजी को काफी सराहा। साल 2018 में उन्हें आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेलने का मौका मिला।
4- लाल रंग से है काफी प्यार
ये धाकड़ बल्लेबाज़ कुछ हद तक अंध्विसवास में भी विश्वास रखता है। यही वजह है कि वह अपने हर मैच में लाल रंग का रूमाल या फिर हाथ में पहनने वाला बैंड लाल रंग का ही पहनते हैं। इसकी वजह काफी ख़ास है। जब एक बार अंडर 16 टूर्नामेंट में वह खेल रहे थे। उस दौरान उन्होंने सफेद रूमाल रखा था। जिसके बाद वह शतक लगाने में कामयाब हुए थे। जबकि इस मैच से पहले वह रन बनाने के लिए काफी जूझ रहे थे। इसके बाद सफेद रंग का रूमाल मैदान पर गंदा हो जाता। इसलिए वह एक बार लाल रंग का रूमाल रखकर बल्लेबाज़ी करने के लिए उतरे। जिसमें उन्होंने शतक ठोक दिया। जबसे यह बल्लेबाज़ हमेशाल लाल रंग का रुमाल या फिर लाल रंग का बैंड हाथ में पहनकर खेलता है।