जब रवि शास्त्री ने पाकिस्तानी दिग्गज के साथ मैदान पर हुई दशकों पुरानी बहस को फिर याद किया! - क्रिकट्रैकर हिंदी

जब रवि शास्त्री ने पाकिस्तानी दिग्गज के साथ मैदान पर हुई दशकों पुरानी बहस को फिर याद किया!

3 जून को शास्त्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस कार की तस्वीर साझा की और इसे 'राष्ट्रीय संपत्ति' घोषित किया।

Ravi Shastri
Ravi Shastri. (Photo by Satyabrata Tripathy/Hindustan Times via Getty Images)

भारत के पूर्व ऑलराउंडर रवि शास्त्री ने हाल ही में एक इंटरव्यू में पाकिस्तानी दिग्गज जावेद मियांदाद के साथ एक मजेदार किस्से के बारे में खुलासा किया। दरअसल, 1985 वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट (WCC) में रवि शास्त्री को ‘चैंपियन ऑफ चैंपियंस’ का खिताब मिला था जिसके लिए उन्हें एक ऑडी कार दी गई थी। पाकिस्तान के खिलाफ हुए फाइनल मुकाबले में मियांदाद ने शास्त्री से कहा था कि उन्हें कार नहीं मिलेगी जिसपर शास्त्री ने जवाब दिया था कि कार बस रास्ते में है और उनके पास आ रही है।

WCC के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया 177 रन का पीछा करने उतरी थी और इस मुकाबले को 8 विकेट से जीत लिया था। इस मुकाबलेमें कृष्णामाचारी श्रीकांत ने 77 गेंदों में 67 रन की पारी खेली थी। वहीं, शास्त्री ने 148 गेंदों में 63 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। रवि शास्त्री ने पूरे टूर्नामेंट में 182 रन बनाए और साथ ही 8 विकेट झटके थे, जिसके लिए उनको ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब मिला था।

गाड़ी तेरे को नहीं मिलने वाली: जावेद मियांदाद

3 जून को शास्त्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस विंटेज कार की तस्वीर साझा की और इसे ‘राष्ट्रीय संपत्ति’ घोषित किया। इसके साथ ही द इंडियन एक्सप्रेस के कॉलम में उन्होंने इस वाकये के बारे में संक्षेप में लिखा और बताया कि कैसे जावेद और उनके बीच इस कार को लेकर कुछ मजेदार बहस हुई थी।

शास्त्री ने लिखा कि, “हमको 1985 में खेले जा रहे बेंसन एंड हेजेज टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान से जीतने के लिए 15-20 रन और चाहिए थे। मैं जावेद मियांदाद की फील्ड समझने के लिए स्क्वायर लेग की ओर देखने लगा जिसपर मियांदाद ने कहा, ‘तू बार-बार उधर क्या देख रहा है? गाड़ी को क्यों देख रहा है? वो नहीं मिलने वाली तेरे को।” इस पर मैंने जवाब दिया, ‘जावेद मेरी तरफ ही आ रही है’।”

शास्त्री का विंटेज कार वाला ट्वीट:

इस मुकाबले में कपिल देव और लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने 3-3 विकेट झटके थे जिससे भारत ने पाकिस्तान को 176 रन पर ऑल आउट कर दिया था। जवाब में भारत ने 177 रन के लक्ष्य को 47.1 ओवरों में ही बना लिया।

इस कार को जीतना मेरे लिए 6 छक्के मारने से भी बड़ा था: रवि शास्त्री

उन्होंने आगे लिखा कि, “मेरे लिए ये कार सबसे अनमोल तोहफा है। माना कि मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन पल वह था जब मैंने 6 गेंदों पर 6 छक्के जड़े थे लेकिन ये कार उस पल से भी बढ़कर है। पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मुकाबला जीतना किसी सपने से कम नहीं था। इस कार से बहुत सी यादें जुड़ी हैं। 1983 में हम लोग सफेद कपड़ों में खेलते थे लेकिन इस टूर्नामेंट में हम सब रंगीन कपड़ों में खेल रहे थे और हमें बहुत अच्छा लग रहा था।”

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