आकाश चोपड़ा की इस आकाशवाणी को ICC को थोड़ा ध्यान से सुनना होगा - क्रिकट्रैकर हिंदी

आकाश चोपड़ा की इस आकाशवाणी को ICC को थोड़ा ध्यान से सुनना होगा

कमजोर टीमों को वर्ल्ड कप के अलावा भी लगातार मिलना मौका चाहिए: आकाश चोपड़ा

Aakash Chopra
Aakash Chopra. (Photo Source: Twitter)

पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने एसोसिएट देशों के साथ टोकनवाद करने के लिए ICC और अन्य प्रमुख क्रिकेट देशों की जमकर आलोचना की है। चोपड़ा का मानना है कि नामीबिया, स्कॉटलैंड और ओमान जैसे देशों को टी-20 वर्ल्ड कप के लिए आमंत्रित करना मतलब एक बच्चे को लॉलीपॉप देने जैसा है।

इस मुद्दे को लेकर आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर खुलकर बात की और कहा कि अगर ICC क्रिकेट को एक वैश्विक खेल बनाना चाहता है तो उन्हें एसोसिएट देशों के लिए पूर्ण सदस्यों के साथ प्रतिस्पर्धा करने और सुधार करने के लिए लगातार मौके देने होंगे।

आकाश चोपड़ा ने ICC को क्या कहा ?

उन्होंने वीडियो में कहा कि, “टी-20 वर्ल्ड कप में अधिक टीमों को शामिल करने के लिए हमेशा ही बहुत शोर होता है और यह खेल को वैश्विक बनाने का एकमात्र तरीका है। लेकिन मुझे इसके साथ एक समस्या लगती है। मुझे लगता है कि आप केवल टोकानवाद कर रहे हैं, यह किसी बच्चे को लॉलीपॉप देने जैसा है।”

उन्होने आगे कहा कि, “अगर आप सच में उन देशों को आगे लाना चाहते हैं तो उन्हें केवल वर्ल्ड कप तक ही सीमित ना रखें। यह दीवाली नहीं है कि आप हर साल आओगे। आपको उन्हें लगातार मौके देने होंगे और उन्हें एक बेहतर देश बनने में मदद करनी होगी।”

लगातार मौके देने से मजबूत बनेंगे एसोसिएट देश: आकाश चोपड़ा

आकाश चोपड़ा ने अपनी बात को समझाने के लिए इंग्लैंड और बांग्लादेश के मैचों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि, ” इस टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड और बांग्लादेश के बीच खेला गया मैच इन दोनों टीमों के बीच पहला टी-20 मुकाबला था, जबकि बांग्लादेश तो एसोसिएट सदस्य भी नहीं है। इंग्लैंड बांग्लादेश के साथ नहीं खेलना चाहता है और आप नामीबिया, स्कॉटलैंड और ओमान की बात कर रहे हैं।”

उन्होंने भारत का भी जिक्र करते हुए कहा, “हम भारतीय सिर्फ एक टेस्ट मैच के अलावा कितनी बार अफगानिस्तान के साथ खेलते हैं। इसलिए जब इन टीमों के साथ चार साल तक कोई भी नहीं खेलता है और वो टूर्नामेंट में बुरी तरह हारकर बाहर हो जाते हैं, फिर हम कहते हैं कि वह इस अनुभव से बेहतर होंगे लेकिन हमें समझना होगा कि वह बेहतर तभी होंगे जब हम उन्हें लगातार खेलने का मौका देंगे।”

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