अगर जो रूट भारतीय होते तो वह शायद टीम इंडिया के टी-20 कप्तान होते: आकाश चोपड़ा
मौजूदा टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड टीम ने अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
अद्यतन - नवम्बर 5, 2021 7:25 अपराह्न

मौजूदा टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की टीम शानदार फॉर्म में नजर आ रही है, जहां जोफ्रा आर्चर और बेन स्टोक्स जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की गैर-मौजूदगी में भी टीम ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। उनके इस प्रदर्शन की तारीफ पूरे क्रिकेट जगत में हो रही है, वहीं अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी इंग्लिश टीम की जमकर तरफ की है और इस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के शानदार प्रदर्शन के पीछे का कारण बताया है।
आकाश चोपड़ा ने जमकर की इंग्लैंड टीम की तारीफ
अपने यूट्यूब चैनल पर इंग्लैंड टीम के प्रदर्शन को लेकर आकाश चोपड़ा ने कहा, “उनके पास अलग ही पाठ्यक्रम की नीति है। डेविड मलान टी-20 टीम में हैं लेकिन वह टेस्ट नहीं खेलते हैं। मोईन अली और आदिल रशीद को अच्छे से पता है कि टीम उनसे क्या उम्मीद करती है। उनकी प्राथमिकताएं बहुत स्पष्ट हैं। यही कारण है कि कुछ खिलाड़ियों के ना होने के बावजूद उनकी टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है क्योंकि उस जगह पर कोई खिलाड़ी बहुत जल्दी और निर्बाध रूप तरीके से आ जाता है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “भारत को इनसे सीखना होगा। आप कुछ खिलाड़ियों के इर्द-गिर्द रहकर रणनीति नहीं बना सकते हैं। उनके पास एक सोच होनी चाहिए जिसमें बाकी सब चीजें फिट हो सके। हमारे उपमहाद्वीप की यही संस्कृति है कि यहां व्यक्तियों को वरीयता दी जाती है और हमें इससे दूर जाने की जरूरत है।”
भारतीय चयन नीति पर आकाश चोपड़ा ने साधा निशाना
मौजूदा टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड और भारत का भाग्य एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत रहा है। जहां एक तरफ इंग्लैंड अब तक अपने सभी मैच जीतकर सेमीफाइनल में पहुंच चुका है, वहीं टीम इंडिया तीन में से केवल एक मैच जीत पाई है और उसके अंतिम 4 में जगह बनाने की उम्मीदें कम ही लग रही हैं। चोपड़ा ने भारतीय चयन नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इंग्लैंड सीमित ओवरों की टीम चुनने के लिए टेस्ट क्रिकेट का प्रदर्शन नहीं देखती है।
चोपड़ा ने कहा कि, “टी-20 की टीम चुनते वक्त इंग्लैंड ने टेस्ट प्रदर्शन को ध्यान में नहीं रखा, चाहे वो कितने भी अच्छे क्यों ना हों। आप जो रूट को ही देखिए, अगर जो रूट भारतीय होते तो क्या आपको लगता है कि वह भारत की टी-20 टीम का हिस्सा नहीं होते। वह टी-20 के कप्तान भी हो सकते थे।”