उमेश यादव डेल स्टेन की तरह के गेंदबाज़ है: आशीष नेहरा
CricTracker जूनियर स्टाफ लेखिका
अद्यतन - जनवरी 3, 2018 10:35 अपराह्न

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 3 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच 5 जनवरी (शुक्रवार) को केप टाउन में खेला जाएगा, जिसके लिए दोनों टीमें अभ्यास में जुटी हुई हैं. कुछ वर्षो पहले तक विदेशी दौरों पर भारतीय बल्लेबाज़ और विरोधी टीम के गेंदबाजो के बीच कड़ा मुक़ाबला होता था, लेकिन इस बार दक्षिण अफ्रीका दौरे पर मुक़ाबला भारत और दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजी यूनिट के बीच देखने को मिलेगा.
भारत की मजबूत तेज गेंदबाजी यूनिट
कुछ वर्षो पहले तक विदेशी दौरों पर भारतीय टीम के कप्तान के पास तेज गेंदबाज़ी के रूप में ज्यादा विकल्प नहीं होते थे. कमजोर तेज गेंदबाज़ी यूनिट होने के कारण भारतीय गेंदबाज़ 20 विकेट लेने में कामयाब नहीं रहते थे, लेकिन इस बार भारतीय टीम के पास 4 ऐसे प्रमुख तेज गेंदबाज़ जो है, जो अपनी स्पीड, स्विंग और क्षमताओं से अफ्रीका के बल्लेबाजों के सामने कड़ी चुनौती पेश करेगे.शमी, भुवि, उमेश यादव और इशांत के रूप में भारत की मजबूत गेंदबाजी भारत को दक्षिण में पहली टेस्ट सीरीज जिताने में अहम भूमिका निभा सकती हैं.
आशीष नेहरा को भारतीय तेज गेंदबाजो से है काफ़ी उम्मीदे
उपमहाद्वीप के बाहर भारतीय गेंदबाजो का प्रदर्शन बेहद निम्न दर्जे का रहा है, लेकिन फिर भी भारत की तेज गेंदबाज़ी यूनिट को हल्के में लेना दक्षिण अफ्रीका के लिए भारी पड़ सकता हैं. आगामी टेस्ट सीरीज के दौरान मुक़ाबला भारतीय तेज गेदबाजों और दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजो के बीच होगा.
दोनों टीमों के गेंदबाज़ो की तुलना करते हुए आशीष नेहरा कहते है, कि “टीम में अगर शमी और इशांत को चुना जाता है तो, इशांत मैच में मॉर्केल की तरह लगातार गेंदबाजी करके बल्लेबाजों को परेशान करने का काम कर सकते है, जबकि शमी अफ्रीकी गेंदबाज़ रबाडा की तरह छोटे स्पेल डालकर विरोधी बल्लेबाजों के सामने परेशानी पैदा कर सकते हैं. हार्दिक टीम में संतुलन बनाते है, जिससे स्पिन विकेट पर अश्विन-जड़ेजा को एक साथ मौका का विकल्प होता है.”
उमेश यादव हो सकते है डेल स्टेन
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज़ नेहरा का कहना है, कि “अगर आप दोनों टीमों के गेंदबाज़ो की तुलना करे, तो भारतीय उमेश यादव दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन की तरह है, हालाँकि पिछले कुछ मैचो में उनका प्रदर्शन औसत रहा हैं. ऐसे में उमेश पर दाव खेलना थोड़ा रिस्की होगा. बुमराह अफ़्रीकी गेंदबाज़ क्रिस मॉरिस की तरह होगे, जोकि अफ्रीकन बल्लेबाज़ों को अपनी घातक गेंदबाज़ी से परेशान कर सकते हैं.”
~ लेखक गौतम