आसान भाषा में समझें बोरिया मजूमदार पर लगे बैन को - क्रिकट्रैकर हिंदी

आसान भाषा में समझें बोरिया मजूमदार पर लगे बैन को

बोरिया मजूमदार को अब अगले दो साल तक नहीं मिलेगी किसी स्टेडियम में एंट्री।

Wriddhiman Saha And Boria Majumdar (Photo Source: Twitter)
Wriddhiman Saha And Boria Majumdar (Photo Source: Twitter)

भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को एक इंटरव्यू के लिए धमकाने वाले पत्रकार बोरिया मजूमदार पर बीसीसीआई ने दो साल का बैन लगा दिया है। बीसीसीआई ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की समिति का गठन किया था। समिति ने इस मामले में मजूमदार के दोषी पाया था और अब उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है।

इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि, “हम भारतीय क्रिकेट बोर्ड की सभी राज्य इकाइयों को सूचित करेंगे की उन्हें किसी भी स्टेडियम में अंदर अनुमति नहीं दी जाए। उन्हें घरेलू मैचों के लिए मीडिया मान्यता नहीं दी जाएगी और हम उन्हें ब्लैकलिस्ट करने के लिए आईसीसी को भी पत्र लिखेंगे। खिलाड़ियों से भी कहा जाएगा कि वे उनके साथ कोई संपर्क न रखें।”

ऋद्धिमान साहा ने लगाए थे बोरिया मजूमदार पर कुछ गंभीर आरोप

फरवरी में, बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी साहा ने श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए भारतीय टेस्ट टीम से बाहर किए जाने के बाद व्हाट्सएप पर एक “सम्मानित” पत्रकार द्वारा मिले मैसेज का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया था। स्क्रीनशॉट में पत्रकार ने उनसे एक इंटरव्यू के लिए अनुरोध किया था, जिसका साहा ने कोई जवाब नहीं दिया।

ऋद्धिमान साहा ने 19 फरवरी 2022 को ट्विटर पर इस मामले में लिखा था, ‘भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदानों के बाद ..एक तथाकथित सम्मानित पत्रकार से मुझे इस चीज का सामना करना पड़ता है! पत्रकारिता कहां चली गई है। शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में लिखा था, मेरे साथ एक इंटरव्यू करेंगे। आपने 11 जर्नलिस्ट को चुनने की कोशिश की, जोकि मेरे हिसाब से सही नहीं है। उन्हें चुने जो ज्यादा मदद कर सके। आपने कॉल नहीं किया.मैं अब आपका कभी इंटरव्यू नहीं लूंगा और मैं इस बात को हमेशा याद रखूंगा।

वहीं बाद में, मजूमदार ने कहा कि वह साहा पर मानहानि का मुकदमा करेंगे, यह आरोप लगाते हुए कि क्रिकेटर ने जानबूझकर चैट से छेड़छाड़ की और उनकी प्रतिष्ठा और सम्मान को धूमिल किया। हालांकि, लेकिन अब बोरिया के लिए सारा मामला उलटा पड़ा गया और बीसीसीआई ने उन्हें ही दोषी ठहराया है।

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