बीसीसीआई ने बांट दिया बिना काम के लाखों का वेतन - क्रिकट्रैकर हिंदी

बीसीसीआई ने बांट दिया बिना काम के लाखों का वेतन

Jatin Paranjape
Jatin Paranjape. (Photo Source: Twitter)

बीसीसीआई ने अपने वेबसाइट पर अपने अधिकारियों और खिलाड़ियों का भुगतान का विवरण जारी किया है. जिसमें एक ऐसा नाम भी शामिल है जिन्हें लोढ़ा समिति सिफारिश के तहत चयनकर्ताओं की टीम से निकाल दिया गया था. जिसके बावजूद इन्हें लाखों रुपए का वेतन भुगतान किया गया. दरअसल यह मामला राष्ट्रीय चयनकर्ता रहे जतिन परांजपे की है.

बीसीसीआई द्वारा सितंबर 2017 तक पेशेवर भुगतान के तौर पर 43 लाख 20 हजार रुपए का भुगतान किया गया. जिस महीनों के पेशेवर भुगतान परांजपे को की गई उन महीनों से पहले ही परांजपे अपने पद से निकाले जा चुके थे. जतिन परांजपे को लोढ़ा समिति सिफारिशों ने जनवरी 2017 में उनके पद से उन्हें निकाल दिया था सिफारिशों के अनुसार जो व्यक्ति टेस्ट क्रिकेट मैच नहीं खेला है.

परांजपे इस पद पर यानी चयनकर्ता के रूप में नहीं रह सकता है. और जहां सिफारिश के बाद जतिन परांजपे और गगन खोड़ा को चयनकर्ताओं के पैनल से निकलना पड़ा था जिसके बाद पैनल में मात्र 3 ही सदस्य रह गए थे इसके बावजूद जतिन परांजपे को बीसीसीआई ने रेगुलर पेशेवर भुगतान की राशि दी है.इसके साथ ही बीसीसीआई ने कई और भुगतान की विवरण भी जारी की है. जिसमें आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों को 12 करोड़ से लेकर 14 करोड़ तक का भुगतान किया है.

भारत में हो रहे श्रीलंका के विरुद्ध मैच के दौरान राज्यों के कैब और डीडीसीए को मेजबानी करने के लिए 2.90 करोड़ की राशि का भुगतान किया है जबकि श्रीलंका दौरे के लिए खिलाड़ियों में रोहित शर्मा को 75.97 लाख चेतेश्वर पुजारा को 66 लाख और भुवनेश्वर कुमार को 83.68 लाख रुपये की राशि की भुगतान बीसीसीआई ने किया है.

जतिन परांजपे को लेकर उठे सवाल पर एक बीसीसीआई के अधिकारी ने अपने नाम को गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि परांजपे को पद पर नहीं रहने के बावजूद बीसीसीआई द्वारा 43 लाख 20 हजार की राशि भुगतान की गई यह इसलिए हुआ की किसी भी चयनकर्ता का अनुबंध वर्ष के सितंबर माह  के अंत में समाप्त होती है. इसीलिए 7 महीने में उनके काम नहीं करने के बावजूद बीसीसीआई ने उन्हें भुगतान किया है क्योंकि पैनल से हटाए जाने में परांजपे की ओर से कोई गलती नहीं थी यह समिति सिफारिश का फैसला था जिसके कारण उनकी जीविका काफी प्रभावित हो रही थी इसलिए उनका रेगुलर भुगतान किया गया.

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