बंगाल के हेड कोच ने साहा और पत्रकार के बीच चल रहे विवाद को बताया 'मजाक' - क्रिकट्रैकर हिंदी

बंगाल के हेड कोच ने साहा और पत्रकार के बीच चल रहे विवाद को बताया ‘मजाक’

कुछ दिनों पहले रिद्धिमान साहा ने बोरिया मजूमदार पर लगाए थे कुछ बड़े आरोप।

Wriddhiman Saha
Wriddhiman Saha. (Photo Source: Twitter)

जब से भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने एक वरिष्ठ संवाददाता पर साक्षात्कार न देने के लिए उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया है, तब से कई प्रशंसकों और कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने पत्रकार की निंदा की है। 19 फरवरी 2022 को, श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए भारतीय टेस्ट टीम से बाहर किए जाने के कुछ घंटे बाद, साहा ने एक बड़े पत्रकार पर इंटरव्यू के लिए धमकी देने का आरोप लगाया था।

इस मामले की निष्पक्ष जांच करने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने तीन सदस्यीय समिति नियुक्त किया है। 5 मार्च को, साहा ने बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल और शीर्ष परिषद सदस्य प्रभातेज सिंह भाटिया की जांच समिति के समक्ष गवाही दी। हालांकि, उन्होंने बीसीसीआई के निर्देशों का हवाला देते हुए पत्रकार का नाम मीडिया के सामने बताने से इनकार कर दिया।

दिलचस्प बात यह है कि बाद में टॉक शो होस्ट बोरिया मजूमदार ने ट्विटर पर नौ मिनट का एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने साहा पर स्क्रीनशॉट के साथ छेड़छाड़ करने का बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके वकील विकेटकीपर बल्लेबाज पर मानहानी का केस करेंगे और उन्होंने बीसीसीआई से निष्पक्ष सुनवाई का अनुरोध किया।

बंगाल टीम के कोच ने साहा और पत्रकार विवाद पर दी अपनी राय

इस मामले पर अब भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और बंगाल टीम के मौजूदा कोच अरुण लाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ एक बातचीत में उन्होंने कहा है कि, “देखिए, इस पर मेरा एक अलग दृष्टिकोण है। अगर किसी ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया है, तो किसी और का इससे क्या लेना-देना है? यह उसके और मेरे बीच का मामला है।”

66 वर्षीय अरुण, जिन्होंने 1989-90 सीजन में बंगाल की दूसरी रणजी ट्रॉफी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उन्होंने कहा कि, “मुझे लगता है कि इसमें से कुछ भी बात बनाना मूर्खतापूर्ण है। यह बिल्कुल भी विवाद नहीं है। तो क्या हुआ अगर उसने [पत्रकार] आपके साथ दुर्व्यवहार किया है? तो क्या? वह कौन है? वो क्या कर सकता है? यह भी क्यों मायने रखता है? जहां तक ​​मेरा सवाल है मुझे यह एक मजाक लगता है।”

उन्होंने आगे कहा कि, “ये चीजें न केवल एक पत्रकार और एक खिलाड़ी के बीच, बल्कि दो खिलाड़ियों के बीच भी हो सकती है। तीखी नोकझोंक में बहुत सी बातें कही जाती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको [मामले को देखने के लिए] एक समिति गठित करने की आवश्यकता है। यह आपका निजी मामला है, इसलिए आप इसे स्वयं संभाल लें।”

close whatsapp