माही भाई टीम को सेफ टोटल देने की कोशिश कर रहे थे, जो उन्होंने किया वही उस समय उचित था:बुमराह
अद्यतन - फरवरी 26, 2019 4:56 अपराह्न
आस्ट्रेलिया के साथ खेले गये पहले टी20 मैच में भारत की ओर से सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने 12.2 ओवरों तक बल्लेबाजी की तो महेन्द्र सिंह धोनी ने 11 ओवर से 20 ओवर तक बल्लेबाजी की। अंतर यह था कि जहां राहुल ने 37 गेंदों में 50 रन बनाये वहीं धोनी ने 35 गेंदों में 29 रन बनाये। स्थितियां दोनों ही बल्लेबाजों के लिए समान थीं। लेकिन इनमें से कोहली सलामी बल्लेबाज की भूमिका में थे तो धोनी विकेट कीपर की भूमिका में थे।
गेम फिनिशर की भूमिका में थे धोनी
धोनी विकेट कीपर के साथ ही गेम फिनिशिर की भूमिका में थे। टीम को सुरक्षित 20 ओवरों में पहुंचाने के साथ-साथ अधिक से अधिक रन बनाने की कोशिश कर रहे थे। उस समय एक के बाद एक विकेट गिर रहे थे। सामने वाले छोर से कोई भी बल्लेबाज नहीं टिक पा रहा था। ऐसे समय में उन्होंने गेम फिनिशर की भूमिका निभाते हुए आठ डाट बालें इसलिए खेलीं कि उनकी टीम पूरे 20 ओवर खेलकर सम्मानजनक स्कोर बना सके। उनकी इस भावना को केवल कप्तान ही समझ पाए।
आलोचना सहन नहीं कर सके बुमराह
दर्शकों ने गेम फिनिशर की आलोचना करनी शुरू कर दी। धोनी की इस आलोचना को बुमराह सहन नहीं कर पाए। उनके बचाव में सामने आते हुए बुमराह ने कहा कि माही भाई टीम को बचाने के साथ हमें सेफ टोटल देने की कोशिश कर रहे थे। उस समय उन्होंने जो किया वही सही था। इसमें उनकी कोई गलती नहीं थी। एक समय में भारत के 80रनों पर तीन विकेट थे और 109 रनों तक सात विकेट गिर चुके थे। उसके बाद जब चहल और उमेश यादव बैटिंग करने आये तो धोनी ने स्ट्राइक अपने पास रखने के उद्देश्य से सिंगल रन नहीं लिये।
इस पिच पर 140-145 रनों का स्कोर काफी डिफेंसिव होता है
बुमराह ने कहा कि हमना बेस्ट कर रहे थे। वह मैच को और डीप तक ले जाना चाहते थे और हमें सेफ टोटल देने की कोशिश कर रहे थे। मेरे विचार से 15-20 रन कम रह गये। इसके बावजूद हमने लड़ाई लड़ी और किनारे तक पहुंच भी गये थे। बुमराह ने कहा कि हम इस मैच को अपने पाले में ले लिया था लेकिन इस पिच पर 140-145 रन काफी अच्छा स्कोर होता क्योंकि इस विकेट पर कोई बाउंस नहीं था । इससे वहां पर खेलना बहुत मुश्किल हो रहा था। इतने स्कोर का पीछा करना हमेशा से ही मुश्किल भरा रहा है।
मैक्सवेल ने भारत से जीत छीन ली
भारत ने पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 126 रन बनाये थे। भारत के विकेट लगातार गिरते रहे। दोनों टीमों का मिडिल आॅर्डर उस दिन खेलने में नाकाम रहा था। केवल मैक्सवेल ने हमसे यह मैच छीन लिया जिन्होंने 43 गेंदों में 56 रन बनाये थे। मेरे विचार से मैक्सी ने दोनों टीमों अपने प्रदर्शन से फासला कर दिया था। वह अपनी प्रत्येक बाउंड्री से रन को रोट्रेट कर रहे थे लेकिन वह जल्द ही रुक गया। फिर भी अच्छा मैच था।