बहू मंयती लैंगर की वजह से रोजर बिन्नी के हाथ से बीसीसीआई अध्यक्ष की कुर्सी जाने से बाल-बाल बची - क्रिकट्रैकर हिंदी

बहू मंयती लैंगर की वजह से रोजर बिन्नी के हाथ से बीसीसीआई अध्यक्ष की कुर्सी जाने से बाल-बाल बची

मयंती लैंगर स्टार स्पोर्ट्स की कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि वह केवल कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम करती है।

Roger Binny (Image Source: Twitter)
Roger Binny (Image Source: Twitter)

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष रोजर बिन्नी के लिए एक राहत की खबर सामने आई है। दरअसल, संजीव गुप्ता ने भारत के 1983 वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेटर के खिलाफ हितों के टकराव का आरोप लगाया गया था, क्योंकि उनकी बहू मयंती लैंगर बीसीसीआई के आधिकारिक प्रसारक स्टार स्पोर्ट्स से बतौर प्रेसेंटेटर जुड़ी हुई हैं।

हालांकि, बीसीसीआई के नैतिकता अधिकारी न्यायमूर्ति विनीत सरीन ने 13 जनवरी को बोर्ड के नए अध्यक्ष रोजर बिन्नी के खिलाफ लगाए गए हितों के टकराव (कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट) के आरोप को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति विनीत सरीन ने अपने फैसले में कहा कि उन्हें संजीव गुप्ता के आरोप में कोई दम नहीं लगा और इसलिए उन्होंने उनकी शिकायत को खारिज कर दिया।

रोजर बिन्नी के खिलाफ अब इस शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं होगी

इस बीच, विनीत सरीन ने यह भी खुलासा किया कि बीसीसीआई ने स्टार स्पोर्ट्स को अप्रैल 2018 से जून 2022 तक के मीडिया अधिकार दिए थे, जबकि बिन्नी ने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में सौरव गांगुली की जगह अक्टूबर 2022 में ली। उन्होंने यह भी कहा कि मयंती लैंगर स्टार स्पोर्ट्स की कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि वह केवल कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम करती है, इसलिए उन पर कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के आरोप बेबुनियाद है।

बीसीसीआई के नैतिकता अधिकारी सरीन ने आगे शिकायतकर्ता संजीव गुप्ता को चेतावनी भी जारी की और कहा कि अगर शिकायतकर्ता फिर से सार्वजनिक डोमेन में शिकायत दर्ज करता है, तो बीसीसीआई की आचार समिति आगे की शिकायतों पर विचार नहीं करेगी।

न्यायमूर्ति सरीन ने अपने फैसले में कहा: ‘मुझे श्री संजीव गुप्ता की शिकायत में कोई मजबूत बात नहीं लगी। इसके अलावा शिकायतकर्ता हितों के टकराव के लिए कोई पुख्ता उदाहरण पेश नहीं कर पाया, इसलिए वर्तमान मामले में नियम 38(2) लागू नहीं होगा। शिकायतकर्ता को शिकायत और अन्य जानकारी को सार्वजनिक डोमेन में नहीं डालने का निर्देश दिया गया है और अगर इसके बावजूद भी वो ऐसा करता है, तो इसे गंभीर रूप से देखा जाएगा, और शिकायत पर विचार भी नहीं किया जाएगा।’

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