दिल्ली को रणजी ट्रॉफी फाइनल तक पहुंचाने वाले नवदीप सैनी की कहानी - क्रिकट्रैकर हिंदी

दिल्ली को रणजी ट्रॉफी फाइनल तक पहुंचाने वाले नवदीप सैनी की कहानी

Navdeep Saini
Navdeep Saini. (Photo Source: Twitter)

दिल्ली ने पिछले सप्ताह बंगाल को सेमीफाइनल में हराकर रणजी ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। दिल्ली की ओर से तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने चार विकेट लिए जिसकी बदौलत बंगाल की दूसरी पारी सिर्फ 86 रनों पर ही ढेर हो गई और दिल्ली ने सेमीफाइनल मुकाबला एक पारी और 26 रनों से जीत लिया।

नवदीप ने वर्तमान रणजी सत्र में 7 मैच खेले है और 29 विकेट लिए है। वह दिल्ली की ओर से इस सत्र में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर है। 25 वर्षीय नवदीप अपनी सफलता का पूरा श्रेय गौतम गंभीर को ही देते है और मानते है कि वे आज जो कुछ भी है वो सिर्फ गौतम भैया की बदौलत ही है।

गरीबी में बीता है बचपन

नवदीप सैनी का जन्म 23 नवंबर 1992 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। नवदीप के दादाजी करम सिंह, नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा स्थापित “आजाद हिंद फौज” में सेवाएं दे चुके है। नवदीप के पिताजी हरयाणा के सरकारी विभाग में ड्राइवर थे और पिछले साल ही रिटायर हुए है। घर की आर्थिक परिस्थिति उतनी भी अच्छी नहीं थी कि नवदीप क्रिकेटर बनने का सपना पूरा कर सके मगर उनके पिताजी ने हमेशा से उन्हें सहयोग दिया।

नवदीप बचपन से ही टेनिस बॉल क्रिकेट में रुचि रखते थे। हर टेनिस बॉल मैच के लिए उन्हें 200-300 रुपये मिलते थे जिसे वह “करनाल प्रिमियर लिग” के ट्रायल में भाग लेने के लिए खर्च कर देते थे। यह टूर्नामेंट दिल्ली के पूर्व खिलाड़ी सुमित नरवाल द्वारा आयोजित किया जाता था। नरवाल ने नवदीप की प्रतिभा से प्रभावित होकर उन्हें दिल्ली आने का आग्रह किया।

नवदीप सैनी को टीम में लेने के लिए अड़ गए थे गौतम गंभीर

दिल्ली के तत्कालीन कप्तान गौतम गंभीर ने नवदीप को तेज रफ्तार से सटीक गेंदबाजी करते हुए देख लिया और दिल्ली की रणजी टीम में शामिल करने का फैसला किया। मगर चयनकर्ताओं को किसी बाहरी खिलाड़ी को टीम में शामिल करना नागवार गुजरा। चेतन चौहान से लेकर बिशनसिंह बेदी जैसे दिग्गजों ने नवदीप सैनी के चयन पर सवालिया निशान लगा दिये लेकिन गंभीर ने अपना फैसला नहीं बदला।

आखिरकार सभी विवादों को दरकिनार करते हुए सैनी ने 14 दिसंबर, 2013 को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया। इन चार सालों में वह दिल्ली टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए है। अगले महीने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जाने वाली टीम इंडिया के साथ नेट्स में अभ्यास के दौरान गेंदबाजी करने के लिए नवदीप का चयन हुआ था। मगर गंभीर ने उन्हें रणजी ट्रॉफी खेलने की सलाह दी जिसपर सैनी ने पूरी तरह से अमल किया।

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