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धोनी के साथ-साथ अब मीडिया घरानों को भी लगाना पड़ सकता है दिल्ली हाईकोर्ट के चक्कर, जाने क्या है पूरा मामला
यह मुकदमा क्रिकेटर के साथ-साथ फेसबुक की मूल कंपनी मेटा, X (पूर्व में ट्विटर), गूगल, यूट्यूब और 30 मीडिया हाउस और वेब पोर्टल के खिलाफ दायर किया गया है।
अद्यतन - जनवरी 29, 2024 8:58 अपराह्न
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर उनके पूर्व कारोबारी साझेदारों मिहिर दिवाकर और उनकी पत्नी सौम्या दास ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। दोनों ने धोनी के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में मामला दायर कर स्थायी रोक और हर्जाने की मांग की है। यह मुकदमा धोनी को मीडिया में उनके खिलाफ किसी भी अपमानजनक बयान को प्रकाशित करने का निर्देश देने के लिए दायर किया गया है।
इस बीच, धोनी के वकील ने अदालत के समक्ष कहा कि क्रिकेटर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है। जिसके बाद, न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ ने चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान और कई मीडिया हाउसों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, ताकि उन्हें वादी के खिलाफ किसी भी कथित झूठी मानहानिकारक सामग्री को पोस्ट करने या प्रकाशित करने से रोका जा सके। मामले को भी 3 अप्रैल, 2024 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
सिंह ने आज यानी 29 जनवरी को दिवाकर और दास को निर्देश दिया कि वो उन मीडिया घरानों के खिलाफ आरोपों का उल्लेख करें जिन्होंने उन्हें कातिक रूप से बदनाम किया। अदालत ने शिकायतकर्ताओं से यह बताने को कहा कि धोनी द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत के बारे में खबर ने उन्हें कैसे बदनाम किया। समाचार एजेंसी एएनआई का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सिद्धांत कुमार ने तर्क दिया कि मीडिया हाउस ने तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें कहा गया है कि धोनी द्वारा दिवाकर और दास के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
यह मुकदमा क्रिकेटर के साथ-साथ फेसबुक की मूल कंपनी मेटा, X (पूर्व में ट्विटर), गूगल, यूट्यूब और 30 मीडिया हाउस और वेब पोर्टल के खिलाफ दायर किया गया है।
धोनी ने किया दिवाकर और सौम्या को बदनाम
धोनी ने दोनों पर 2017 में क्रिकेट अकादमी स्थापित करने के अनुबंध का सम्मान नहीं करके उन्हें करीब 16 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप लगाया था। तब से, दोनों ने धोखाधड़ी के आरोपों से इनकार किया है। दिवाकर और सौम्या ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर धोनी और अन्य को अनुबंध के कथित उल्लंघन के संबंध में उनके खिलाफ मानहानिकारक आरोप लगाने से रोकने के निर्देश देने का अनुरोध किया था।
वहीं दिवाकर और सौम्या की ओर से केस लड़ रहे सीनियर वकील सात्विक वर्मा ने कहा है कि अभी भी यह केस चल रहा है लेकिन इसके बावजूद मीडिया हाउस ने इन दोनों को दोषी ठहराया है जो की सही बात नहीं है।
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