दिल्ली हाई कोर्ट ने लीजेंड्स लीग क्रिकेट पर किया रोक लगाने से इंकार, सुनाया यह फैसला - क्रिकट्रैकर हिंदी

दिल्ली हाई कोर्ट ने लीजेंड्स लीग क्रिकेट पर किया रोक लगाने से इंकार, सुनाया यह फैसला

कोर्ट ने कहा क्रिकेट के खेल पर कॉपीराइट का कोई दावा नहीं कर सकता।

Irfan Pathan and Mohammad Kaif. (Photo Source: Sony Sports)
Irfan Pathan and Mohammad Kaif. (Photo Source: Sony Sports)

‘लीजेंड्स लीग क्रिकेट’ का पहला संस्करण गुरुवार (20 जनवरी) से शुरू हो गया और फैंस एक बार फिर पुरानी यादों में चले गए। इस टूर्नामेंट में दुनियाभर के कई अनुभवी और संन्यास ले चुके खिलाड़ी एक बार फिर साथ में खेलते हुए दिखेंगे। हालांकि लीग के शुरू होने से पहले ही इसके समाप्त होने की नौबत आ गई थी क्योंकि इस पर रोक लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर किया गया था।

हालांकि अदालत ने इस लीग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने लीजेंड्स लीग क्रिकेट पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति क्रिकेट के खेल पर कॉपीराइट का दावा नहीं कर सकता। न्यायमूर्ति आशा मेनन ने कहा कि वादी समीर कंसल प्रथम दृष्टया अंतरिम राहत का मामला पेश करने में विफल रहे और उनकी अवधारणा की कोई भी विशेषता मूल विचार नहीं लगती।

एलएलसी को लेकर अदालत ने अपने फैसले में क्या कहा?

एक याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि रिटायर्ड क्रिकेटरों की मौजूदगी वाले टूर्नामेंट का विचार उसने तैयार किया था, जिस पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया। समीर ने आरोप लगाया था कि प्रतिवादी लीजेंड्स लीग क्रिकेट के आयोजकों ने उनके विचार को चुराया है।

न्यायमूर्ति ने आगे कहा कि वादी का विचार लंबे समय से सार्वजनिक रूप से मौजूद है और कोई भी इनमें से किसी विचार पर विशेष अधिकार का दावा नहीं कर सकता। उन्होंने साथ ही कहा कि लीजेंड्स लीग क्रिकेट का प्रारूप वादी के विचार से काफी अलग है और प्रतिवादी आयोजक वादी के किसी विचार या प्रारूप की नकल नहीं कर रहे हैं।

अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि, “अदालत ने कंसल की याचिका पर आयोजकों को समन जारी किया और कहा कि इस समय रोक का आदेश दिया जाता है तो प्रतिवादी, खिलाड़ियों, प्रायोजकों, मीडिया साझेदारों और जनता को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकेगी।”

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