क्यों हुआ धोनी और युवी के साथ अलग बर्ताव? - क्रिकट्रैकर हिंदी

क्यों हुआ धोनी और युवी के साथ अलग बर्ताव?

Yuvraj Singh, MS Dhoni
Yuvraj-Singh-and-MS-Dhoni (Photo Source: Instagram)

बात ज़रा नागवार लगी है कुछ दिलों को की कैसे श्री लंका दौरे पे वनडे मैचों से युवी का पत्ता कट गया और धोनी की जगह बरक़रार रही| माही ने प्रदर्शन ऐसा किया उस सीरीज में की आलोचकों की बोलती बंद हो गयी| पर युवराज का गुनाह क्या था, क्या उस सेलेक्शन मीटिंग में सभी के साथ न्याय हुआ?

ज़रा इसके पहलुओं को टटोलने की इमानदार कोशिश करते हैं जिससे आप खुद निर्णय कर सके इस विषय पर

चैंपियंस ट्राफी से बदली तस्वीर

हालाँकि ये ज़रा जटिल मसला है की कैसे एक टूर्नामेंट के पहले मैच में धुआंधार बल्लेबाज़ी करने वाला बल्लेबाज़ टूर्नामेंट ख़त्म होते होते टीम पर एक बोझ बन जाता है| युवी को टीम में लाने में विराट का अहम योगदान था और चैंपियंस ट्राफी में उनकी फील्डिंग से कप्तान खुश नहीं थे| शायद 2019 विश्व कप के प्लान में युवी मेन इन ब्लू की रणनीति का हिस्सा नहीं हों|

धोनी के साथ अलग स्थिति

अपने माही भाई के साथ स्थिति युवराज जैसी नहीं है, वो अभी भी 2019 विश्व कप के लिए फर्स्ट चॉइस विकेटकीपर प्रतीत होते हैं| आप विकेट के पीछे उनकी फूर्ती देखिये, सबसे तेज़ स्टंपिंग करने का विश्व रिकॉर्ड है इनकी झोली में| बल्लेबाज़ी क्रम बदलने के बाद अब उनको सेटल होने के लिए कुछ गेंदें मिल जाती हैं जिसका प्रभाव उनके निरंतर प्रदर्शन में नज़र आ रहा है|

रवि शास्त्री फैक्टर

योयो टेस्ट के विषय में टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री का हालिया इंटरव्यू देखिये| इसमें उन्होंने साफ़ कहा है की कुछ न्यूनतम मापदंड स्थापित हैं फिटनेस के हवाले से और उन्हें पूरा करना हर खिलाड़ी के लिए जरुरी है| इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा| आप देखिये की कुलदीप यादव भी टीम में तब सलेक्ट हुए जब उन्होंने अपनी फिटनेस पर जमकर मेहनत की| क्योंकि गेंदबाज़ हो या बल्लेबाज़ अन्तराष्ट्रीय स्तर पर मुकाबला करने के लिए कन्धों में कुव्वत होनी चाहिए|

दरवाज़े पर दस्तक

आप ये भी देखिये की किस कौशल के खिलाडी भारतीय टीम से बाहर बैठ रहे| केएल राहुल और मनीष पाण्डेय एक साथ टीम में नहीं खेल पा रहे| श्रेयस अय्यर 15 में भी स्थान नहीं बना पा रहे| ऐसे में युवराज का बाहर होना जायज़ ही लगता है|

 

धोनी-युवी की जोड़ी को मिस करेगा इंडिया

हम जिन दो नामों के बीच तुलना कर रहे उन्होंने साथ में भारत को कितने मैच जिताए हैं ये कभी नहीं भूलना चाहिए| शायद ये साथ यहीं तक था| धोनी को भी निरंतर अपनी उपयोगिता साबित करनी होगी तभी वो टीम में बने रह पाएंगे|

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