‘एक खिलाड़ी की पूजा करना बंद करें’- विराट और धोनी को लेकर एक बार फिर गंभीर ने दिया अजीब बयान
गौतम गंभीर ने कहा भारतीय जनता को केवल भारतीय क्रिकेट को सिर का ताज बनाना चाहिए, न कि किसी खिलाड़ी को।
अद्यतन - सितम्बर 19, 2022 6:34 अपराह्न
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और दो बार के वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेटर गौतम गंभीर अपने मन की बात कहने से कभी नहीं कतराते हैं, और उन्होंने एक फिर भारत की किसी एक या दो खिलाड़ियों को हीरो बना देने की संस्कृति को लेकर कुछ तीखी टिप्पणियां की हैं। खैर, एमएस धोनी के साथ गौतम गंभीर के रिश्ते को लेकर तो कर कोई वाकिफ है, लेकिन इस बार उन्होंने विराट कोहली को भी लपेटे में ले लिया है।
आपको बता दें, टीम इंडिया ने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था और उन्हें दूसरा वनडे वर्ल्ड कप जीतने में 28 साल लगे, जब भारत ने एमएस धोनी की कप्तानी में 2011 वर्ल्ड कप जीता। जिसके बाद एमएस धोनी और कपिल देव भारत के हीरो बन गए, और लोग अक्सर इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय इन पूर्व कप्तानों को ही देते हैं, जो गौतम गंभीर को बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा है।
इस चीज को लेकर उन्होंने हर बार निराशा जाहिर की है, क्योंकि खिताबी जीत की श्रेय का हकदार केवल कप्तान नहीं होता, बल्कि पूरी टीम होती है, और वे सभी उतनी ही सराहना और हीरो कहने के हकदार होते हैं जितना कि कप्तान, लेकिन मीडिया और प्रसारकों ने अन्य खिलाड़ियों के योदगान को महत्व ही नहीं दिया।
किसी एक क्रिकेटर की पूजा करना बंद करें- गौतम गंभीर
गौतम गंभीर ने इंडियन एक्सप्रेस के ‘आइडिया एक्सचेंज’ शो पर कहा: “मेरा बस इतना कहना है कि कृपया आप लोग एक खिलाड़ी की पूजा करना बंद करें। भारत में केवल भारतीय क्रिकेट ही सबसे बड़ा होना चाहिए, न कि कोई एक खिलाड़ी। भारत को किसी एक खिलाड़ी या कप्तान को हीरो बनाने की कल्चर से बाहर होना होगा? इस तरह के कल्चर में कोई भी खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाता है। इस श्रेणी में पहले महेंद्र सिंह धोनी थे, और अब विराट कोहली हैं।”
जिस मैच में विराट कोहली ने अफगानिस्तान के खिलाफ शतक लगाया था और उसी मुकाबले में मेरठ के एक छोटे से शहर के रहने वाले भुवनेश्वर कुमार ने भी पांच विकेट लिए, लेकिन किसी ने भी उनके बारे में बात नहीं की। यह काफी दुख की बात है।
कमेंट्री के दौरान मैं इकलौता ऐसा शख्स था जिसने इस बात का ज़िक्र किया। उसने चार ओवर गेंदबाज़ी की और पांच विकेट लिए। मुझे नहीं लगता यह बात ज्यादा लोग जानते हैं। लेकिन विराट ने शतक लगाया, इसका जश्न पूरे देश ने मनाया। भारत को एक क्रिकेटर की पूजा करने वाले कल्चर से बाहर आने की जरूरत है।”