क्या आपने कभी सोचा है कि किस तरह से क्रिकेट खिलाड़ी मैच से पहले खुद को तैयार करते है
अद्यतन - जून 22, 2018 7:08 अपराह्न

एक खिलाड़ी के लिए खुद का जीवन काफी मुश्किल भरा होता है. देश के सम्मान को अपने कन्धों पर लेकर चलते है हर समय मैदान में. इस बात में कोई भी संदेह नहीं है कि काफी बड़े खिलाड़ी इसका दबाव भी फिल्ड में महसूस करते है जिसमें क्रिकेट खिलाड़ी भी शामिल है. क्योंकि उन्हें खुद को पूरे मैच के दौरान खुद को ऐसे दबाव से निकालकर पूरे दिन खेलना होता है.
यदि बात की जाएँ क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट वनडे और टी-20 की तो उसमें खिलाड़ियों को कुछ घंटों के लिए ही मैदान में रहना होता है. टेस्ट क्रिकेट में सभी को 5 दिन के लिए तैयार करना होता है खुद को. ऐसे में खिलाड़ियों को मानसिक रूप से खुद को तैयार करना पड़ता है जिसमें कुछ खिलाड़ी जिम में घंटो समय बिताते है तो कुछ अलग करते है.
यहाँ पर देखिये कैसे क्रिकेट खिलाड़ी कैसे अलग – अलग तरह से मैच के लिए खुद को तैयार करते है
1. जिम में अधिक समय बिताना

ये सबसे अधिक मेजर रूटीन होता है सभी क्रिकेट खिलाड़ियों का खुद को किसी भी बड़े मैच से पहले तैयार करने के लिए. मैच से पहले खुद का आत्मविश्वास बढाने के लिए जिम में अधिक मेहनत करने से और कुछ भी बेहतर नहीं होता है. भारतीय कप्तान विराट कोहली और ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पंड्या इन्हीं खिलाड़ियों में से एक माने जाते है जो अक्सर अपने जिम की सेल्फी को अपलोड करते रहते है. वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज़ क्रिस गेल भी अपनी बल्लेबाजी का राज कहीं ना कहीं जिम में की गयीं मेहनत को मानते है.
2. दूसरे खेलों को खेलना

आप ने कभी मैच से पहली की तस्वीरों को देखा हो तो यह जरुर देखा होगा कि क्रिकेट खिलाड़ी वार्मअप करने के लिए फुटबॉल खेलते है. दूसरे खेलों को खेलने की तकनीक कई खिलाड़ियों में अक्सर देखीं गयीं है. ऑस्ट्रेलियन टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग को गोल्फ खेलना काफी अच्छा लगता है. काफी कम लोगों को ही पता है कि पोंटिंग जिस समय अपने सबसे अच्छे फॉर्म में थे तो वह समय निकालकर गोल्फ जरुर खेलते थे ताकि उनका ध्यान बना रहे. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को बाइक और कार रेसिंग करना बेहद पसंद है जिसके बाद वह खुद को काफी अच्छा महसूस करते है.
3. मानसिक मजबूती

मानिसक रूप से हर क्रिकेट खिलाड़ी को बहुत अधिक मजबूत होना पड़ता है. मौजूदा समय में काफी खिलाड़ी अपनी तकनीक को सुधारने के लिए खुद से बात करते है जो उन्हें मानसिक रूप से मजबूत करने में बहुत मदद करती है. किसी हालात के बारे में सोचकर खुद को तैयार करना और मानसिक रूप से यह बहुत मदद करता है जिसके बाद कोई भी खिलाड़ी काफी आत्मविश्वास में दिखता है.
बीसीसीआई के इंटरव्यू में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इस बात का खुलासा किया था कि “मैं काफी चीजों के बारे में सोचता हूँ किसी इस दबाव वाले हालात में क्या करना चाहिए और खुद को विश्वास दिलाता हूँ कि मैं टीम को उस स्थिति से निकाल पाने सक्षम रहूँगा ऐसा हर बार नहीं होता है लेकिन 10 से 8 बार आप ऐसा करने में कामयाब रहते है क्योंकि आपने खुद को इसके लिए तैयार करके रखा हुआ है. तो मुझे लगता है कि खुद को मानसिक रूप से तैयार करना कहीं ना कहीं आप को लाभ देता है.” ऐसा ही कुछ उन्होंने स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के बारे में बताया जो इस बात को सोचते है कि कोई बल्लेबाज़ जब उनके खिलाफ ऐसा शॉट खेलने की कोशिश करेगा तो उन्हें कौन सी गेंद डालनी होगी.
वहीँ यदि राहुल द्रविड़, केविन पीटरसन और पोंटिंग जैसे खिलाड़ियों के बारे में बात की जाएँ तो वह खुद को मानसिक रूप से तैयार करने के लिए “come on यह गेंदबाज मुझे आउट नहीं कर सकता है.” “सकरात्मक रहो अपने फुटवर्क को लेकर.” “गेंद की तरफ देखों” जिससे ये सभी खिलाड़ी मैच में और उससे पहले खुद को मानसिक रूप से मजबूती देते है.
4. मैच से पहले सेक्स

ये बात रीडरों को थोड़ी अजीब लग सकती है लेकिन ऐसा विचार भारतीय टीम को विश्वकप दिलवाने वाले कोच गैरी कर्स्टन ने दिया था कि मैच से पहले सेक्स करना किसी भी खिलाड़ी के प्रदर्शन में सुधार कर सकता है. 2009 में कर्स्टन ने मैच से पहले संबंध बनाने के बारे में बताया था जिसमें उनके साथ भारतीय टीम के मेंटल और कंडीशनिंग एक्सपर्ट रहे पैडी अपटन भी थे लेकिन यह आर्टिकल हिंदुस्तान टाइम्स ने लीक कर दिया था जिसमें उन्होंने भारतीय टीम के कुछ खिलाड़ियों के बारे में बताया था कैसे उनका प्रदर्शन सुधरा था. इंग्लैंड टीम के स्पिन गेंदबाज ग्रीम स्वान ने कर्स्टन की बता का समर्थन करते हुए ऐसा करना सही बताया यदि खिलाड़ी को इससे लाभ पहुँच रहा हो.
5. खेल से दूर होने पर उसके बारे में ना सोचना

कभी – कभी खुद को बड़े मैच से या सीरीज से पहले तैयार करने जे लिए उसके बारे में अधिक नहीं सोचना चाहिए. कुछ खिलाड़ी ऐसा ई करते है और पूरा खुद को पूरा आराम देते है ताकि मैच से तैयार कर सके और मैच वाले दिन सिर्फ थोड़ा सा अभ्यास करते है. आपको याद होगा कैसे 2003 के एडिलेड टेस्ट के पहले वीरेन्द्र सहवाग और राहुल द्रविड़ ने अभ्यास सत्र में हिस्सा नहीं लिया था और फिल्म देखने का निर्णय लिया था. यहाँ तक की रोहन गावस्कर भी मैच से पहले खुद को तैयार करने के लिए नेट्स में खेलने से मना कर देते है. यहाँ तक की जब सचिन तेंदुलकर को लगता था कि वह अच्छे फॉर्म में तो वह भी नेट प्रेक्टिस करने से मना कर देते थे. ऐसा करने से किसी भी खिलाड़ी के लिए मैच से पहले मानिसक रूप से आराम भी मिलता है और वह अधिक दबाव नहीं महसूस करता है.
6. साथी खिलाड़ियों के साथ वीडियो गेम खेलना

टीम के साथी खिलाड़ियों से और अच्छे से समझने के लिए सभी साथ में समय बिताते है जिसमें वीडियो गेम खेलने में सब एकसाथ दिखते है और एक दूसरे से बातचीत करते है जिससे सभी के दिमाग में क्या चल रहा है यह भी पता चलता है. हाल में ही एक इंटरव्यू में कप्तान विराट कोहली ने इस बात का खुलासा किया था कि वनडे टीम में अक्षर पटेल और टेस्ट में रिद्धिमान साहा किसी भी दौरे पर अपने साथ प्ले स्टेशन को साथ में लेकर जाते है जिसमें टीम के सभी खिलाड़ी फीफा खेलते है.