गैरी कर्स्टन ने गौतम गंभीर का नाम 'द रॉक' रखा था- 2011 वर्ल्ड कप को याद करते हुए पैडी अप्टन ने अब बताई यह बात - क्रिकट्रैकर हिंदी

गैरी कर्स्टन ने गौतम गंभीर का नाम ‘द रॉक’ रखा था- 2011 वर्ल्ड कप को याद करते हुए पैडी अप्टन ने अब बताई यह बात

गौतम गंभीर ने 2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में 97 रनों की अहम पारी खेली थी।

Gautam Gambhir
Gautam Gambhir. (Photo Source: INDRANIL MUKHERJEE/AFP via Getty Images)

भारतीय टीम ने 2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी जिसमें कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर ने अपनी शानदार पारियों की बदौलत दूसरा वनडे वर्ल्ड कप खिताब भारतीय टीम के नाम किया था। 2011 वर्ल्ड कप के दौरान श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम 275 रनों का पीछा कर रही थी और टीम इंडिया ने 31 रनों पर ही अपने सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग को जल्दी खो दिया था।

भारतीय टीम की तरफ से गौतम गंभीर ने और कप्तान धोनी के बीच शानदार साझेदारी देखने को मिली थी। दोनों बल्लेबाजों ने श्रीलंका के गेंदबाजों को संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया। गौतम गंभीर ने 97 रनों की जोरदार पारी खेली जबकि कप्तान धोनी ने 91 रन बनाए और नुवान कुलसेकरा की गेंद पर शानदार छक्का लगाकर मैच को फिनिश किया।

इस बीच वर्ल्ड कप फाइनल को याद करते हुए पैडी अप्टन ने गौतम गंभीर के नाम का खुलासा किया है। पैडी अप्टन ने मेंटल कंडीशनिंग कोच के रूप में भारतीय टीम के लिए काम किया है। पड़ी अप्टन ने बताया कि विश्व कप के दौरान टीम के मुख्य कोच गैरी कर्स्टन ने गौतम गंभीर का नाम ‘द रॉक’ रखा था।

“गौतम गंभीर बल्लेबाजी लाइन-अप की रीढ़ थे”- पैडी अप्टन

द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार पैडी अप्टन ने बताया “टीम के मुख्य कोच गैरी कर्स्टन ने गौतम गंभीर का नाम ‘द रॉक’ रखा था। क्योंकि वह भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप की रीढ़ थे। उन्होंने सहवाग को वह खेल खेलने दिया जो उन्होंने खेला था। सचिन के आउट होने के बाद उन्होंने खुद को व्यस्त रखना चाहा। गौतम गंभीर ने युवराज के आने तक जो किया वह काफी शानदार था। उन्होंने धोनी के आने तक खेल को घातक बल्लेबाजी कर खेल को थोड़ा आसान किया।”

उन्होंने आगे कहा “गंभीर द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान और उनके प्रदर्शन के कारण उनका नाम ‘द रॉक’ रखा गया। विश्व कप फाइनल के दौरान मुश्किल समय में उन्होंने भारतीय टीम के लिए जो 97 रनों की पारी खेली, उससे बड़ा उदाहरण कोई नहीं है। हालांकि इसके बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती है क्योंकि उनकी यह पारी धोनी के 91* के बराबर नहीं थी। धोनी ने लॉन्ग-ऑन के ऊपर से अविश्वसनीय छक्का मारा था।”

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