हनुमा विहारी

मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, मेरे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था: हनुमा विहारी

स्टेट बोर्ड से विवाद को लेकर हनुमा विहारी ने किए कुछ और खुलासे

Hanuma Vihari. (Image Source: BCCI Domestic)
Hanuma Vihari. (Image Source: BCCI Domestic)

रणजी ट्रॉफी 2024 में आंध्र प्रदेश की जर्नी मध्य प्रदेश के खिलाफ रोमांचक मुकाबले में 4 रन से हारकर समाप्त हो गई, रणजी ट्रॉफी 2024 टूर्नामेंट से आंध्र प्रदेश के बाहर होने के बाद, हनुमा विहारी ने इंस्टाग्राम के माध्यम से राज्य क्रिकेट बोर्ड के साथ चल रहे मनमुटाव को सभी के सामने रखा। इस कारण उन्हें कप्तानी से इस्तीफा देना पड़ा।

बता दें कि, क्रिकेटर ने खुलासा किया कि उनकी टीम के एक साथी प्लेयर के साथ बहस हुई थी, जिसके पिता एक राजनेता थे और उन्होंने आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) में विहारी को लेकर शिकायत की, जिसके कारण विहारी को इस्तीफा देना पड़ा।

हनुमा विहारी ने इंटरव्यू में किए कुछ बड़े खुलासे

इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान हनुमा विहारी ने कहा कि, “मैं एक खिलाड़ी पर चिल्लाया, जो 17वां खिलाड़ी था और उसे ड्रेसिंग रूम में नहीं होना चाहिए था। नियम के हिसाब से उसे वहां नहीं रुकना चाहिए, लेकिन इसे गलत तरीके से लिया गया और उन्होंने इसकी शिकायत पिता से कर दी और वहां से सब गलत हो गया।”

इसके बाद मुझे कप्तानी से हटाया गया, लेकिन मैंने खेलना जारी रखा क्योंकि मैं खेल से प्यार करता था। मैंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया, क्योंकि मुझे लगा कि जो हुआ उसके बारे में सबको जानना चाहिए। मैं लंबे समय से खेल रहा हूं और मैं बहुत संघर्षों से गुजरा हूं। मैंने दो राज्यों (हैदराबाद और आंध्र प्रदेश) के लिए खेला है। मैं आंध्र प्रदेश की टीम को उस स्तर तक लेकर गया।”

हनुमा ने आगे कहा, “मैं अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहता था। मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। मेरे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था। मैं इस्तीफा नहीं देना चाहता था। हमने रणजी जीतने के बारे में सोचा था लेकिन उस शिकायत के बाद सब गलत हो गया।”

केएन पृथ्वी राज, जिनके पिता कंत्रुपमक सिंह नरसिम्हा युवजन श्रमिक रायथू काग्रेंस पार्टी के मुख्य नेताओं में से एक हैं। कंत्रुपमक सिंह आंध्र प्रदेश के तिरुपति वार्ड के पार्षद भी हैं। अब हनुमा विहारी ने साफ कर दिया कि वो फिर कभी आंध्र प्रदेश के लिए नहीं खेलना चाहते हैं। उनका मानना है कि केएन पृथ्वी के कारण ही उन पर आंद्र प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने कार्रवाई की।

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