60 के हुए कपिल देव, बेशक हैं भारत के महानतम क्रिकेट खिलाड़ी
अद्यतन - जनवरी 6, 2019 11:22 पूर्वाह्न
आपको यदि अब तक का भारत का सबसे महान क्रिकेट खिलाड़ी का नाम लेने को कहा जाए तो आप किसका नाम लेंगे? सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, एमएस धोनी या सुनील गावस्कर। लेकिन जिन्होंने वर्षों से भारतीय क्रिकेट को गौर से देखा है। जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास से अच्छी तरह परिचित हैं, वे कपिल देव का नाम लेंगे। कपिल ने गेंदबाजी में कमाल किया, बल्लेबाजी में कमाल किया और कप्तानी में भी 1983 में भारत को विश्वकप जिताया। वैसे आपको बता दें कि वर्ष 2002 में वह सुनील गावसकर और सचिन तेंडुलकर को पीछे छोड़ कपिल भारत के क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी बने थे।
6 जनवरी 1959 को पैदा हुए कपिल आज 60 वर्ष के हो गए। उन्हें जन्मदिन की बधाई। कपिल ने जब भारत के लिए टेस्ट मैच खेलना शुरू किया तब तक भारत के बारे में कहा जाता था कि इस मिट्टी से तेज गेंदबाज पैदा नहीं होते। कपिल ने पहला टेस्ट खेलते हुए जब पाकिस्तानी बल्लेबाज सादिक मोहम्मद को बाउंसर फेंका तो सादिक ने हेलमेट मंगाया और कहा कि भारत में भी इतनी तेज गेंद फेंकने वाला आ गया।
भारतीय पिच तेज गेंदबाजों के लिए बेजान माने जाते थे। यहां पर कपिल ने आधे से ज्यादा टेस्ट खेले। मुर्दा पिचों पर जीतोड़ गेंदबाजी की। पसीना बहाया और कामयाबी हासिल की। यदि कपिल ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड में पैदा होते और ज्यादा कामयाबी हासिल करते।
कपिल स्वभाव से फक्कड़ थे। अंग्रेजी बोलने में कमजोर थे, लेकिन उन्होंने कभी भी इसे बाधा नहीं माना। वे मानते थे कि क्रिकेट खेलने के लिए अंग्रेजी की नहीं प्रतिभा की जरूरत होती है और उन्होंने यह साबित किया। 1983 के विश्वकप में कपिल ने 183 रनों की पारी खेली जिसे वनडे क्रिकेट की बेहतरीन पारी माना जाता है। कपिल के समय विश्व जगत में इमरान खान, इयोन बॉथम और रिचर्ड हैडली जैसे आलराउंडर थे, लेकिन कपिल इनसे इक्कीसे ही साबित हुए। उनकी गिनती विश्व के महान आलराउंडर्स में होती है।
रिकॉर्ड के आइने में
कपिल के नाम 131 टेस्ट मैचों में कुल 5248 रन और 434 विकेट हैं। इकलौते टेस्ट क्रिकेटर जिनके नाम 400 से ज्यादा विकेट और 5000 से ज्यादा रन है। एकदिवसीय क्रिकेट में कपिल ने 225 मैचों में 3783 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 95.07 है। एकदिवसीय क्रिकेट में उनके नाम 253 विकेट हैं।