पूर्व भारतीय क्रिकेटर का बयान, कुलदीप और चहल ही दिलाएंगे भारत को टी-20 वर्ल्ड कप में जीत
2021 टी-20 वर्ल्ड कप में इन दोनों खिलाड़ियों में से किसी को भी टीम में जगह नहीं मिली थी।
अद्यतन - अगस्त 1, 2022 6:38 अपराह्न
पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को इस साल के अंत में होने वाले टी 20 विश्व कप के लिए भारत की टीम में शामिल करने की बात कही है। साथ ही में हरभजन का ये भी मानना है कि उन्हें पिछले साल खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप के लिए ड्रॉप नहीं करना चाहिए था। कुछ साल पहले, बीच के ओवरों में विकेट लेने की क्षमता के कारण ‘कुल-चा’ की जोड़ी लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में टीम इंडिया का अहम हिस्सा थी।
हालांकि 2019 विश्व कप के बाद उनकी फॉर्म में गिरावट आई और बाद में, उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। वास्तव में, दो स्पिनरों में से कोई भी टी-20 विश्व कप 2021 के लिए टीम में अपनी जगह नहीं बना सका। फिर भी, दोनों ने फॉर्म में वापसी की है और चल रहे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 में अपने प्रदर्शन का आनंद ले रहे हैं। चहल पर्पल कैप की लिस्ट में 10 मैचों में 19 विकेट लेकर टॉप पर हैं वहीं लिस्ट में कुलदीप 18 विकेट के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
मुझे नहीं पता था कि सेलेक्टर्स ने चहल और कुलदीप को क्यों बाहर निकाला- हरभजन सिंह
इस सीजन में दोनों खिलाड़ियों के खास प्रदर्शन को देखते हुए कई प्रशंसक और विशेषज्ञ चाहते हैं कि वे दोनों टीम इंडिया के लिए फिर से एक साथ खेलें। पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन की भी यही राय है, उन्होंने बीसीसीआई के चयनकर्ताओं पर पहले भी सवाल उठाया था।
हरभजन ने ड्रीम सेट गो के लॉन्च इवेंट में कहा, “मुझे नहीं पता कि चयनकर्ताओं ने उस जोड़ी को क्यों तोड़ा जो भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। मेरा यह मानना है कि आपको ‘कुलचा’ को वापस लाना होगा। कुलदीप और युजवेंद्र टीम इंडिया के लिए शानदार रहे हैं। जब वे एक साथ खेले तो उन्होंने बीच के ओवरों में विकेट हासिल कर ब्रेक दिलाया है। चाहे वह टी-20 हो, वनडे हो या कोई भी फाॅर्मेट, वे एक साथ खेले, एक साथ बहुत सफल भी रहे।”
हरभजन ने आगे कहा कि, “उन्हें ऑस्ट्रेलिया में गेंदबाजी करते हुए देखना बहुत अच्छा होगा, जहां मैदान बड़े हैं और वे दोनों गुणवत्ता वाले गेंदबाज हैं। उनकी सोच हमेशा विकेट लेने की होती है।” बता दें कि इस साल का टी-20 विश्व कप ऑस्ट्रेलिया में होने जा रहा है जहां स्पिनरों को ज्यादा मदद मिलने की संभावना नहीं है।”