जानिए कैसे सचिन तेंदुलकर का 2004 का ऑस्ट्रेलिया दौरा जैक क्रॉली की मदद कर सकता है? - क्रिकट्रैकर हिंदी

जानिए कैसे सचिन तेंदुलकर का 2004 का ऑस्ट्रेलिया दौरा जैक क्रॉली की मदद कर सकता है?

माइकल वॉन ने कहा जैक क्रॉली को अपनी बल्लेबाजी में नए-नए तरीके आजमाने चाहिए।

Sachin Tendulkar and Zak Crawley (Image Source: Getty Images)
Sachin Tendulkar and Zak Crawley (Image Source: Getty Images)

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने जाक क्रॉली की अपनी गलतियों को दोहराने और गेंदबाजों को अपनी कमजोरियों से वाकिफ होने देने के लिए आलोचना की है। इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एजबेस्टन में भारत के खिलाफ खेले जा रहे पुनर्निर्धारित पांचवें टेस्ट मैच के दूसरे दिन  9 रन बनाकर आउट हो गए।

आपको बता दें, जैक क्रॉली के प्रदर्शन में लगातार गिरावट नजर आ रही है जबकि उन्हें इंग्लैंड क्रिकेट टीम में लगातार मौके दिए जा रहे है। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ छह पारियों में केवल 87 रन बनाए, और अब टीम इंडिया के खिलाफ पहली पारी में मात्र 9 रनों पर आउट हो गए।

जैक क्रॉली ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदे खेलते हुए काफी असज होते है, और माइकल वॉन का मानना ​​है कि विरोधी गेंदबाजों ने उनकी यह कमजोरी पकड़ ली है। हालांकि, पूर्व कप्तान ने युवा सलामी बल्लेबाज को सलाह दी है कि साल 2004 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान सचिन तेंदुलकर ने जो तरकीब अपनाई थी, वह उसको फॉलो करें।

जैक क्रॉली को अपने शॉट चयन के साथ नए तरीके आजमाने चाहिए: माइकल वॉन

माइकल वॉन ने टेलीग्राफ में अपने कॉलम में लिखा: “सचिन तेंदुलकर के लिए साल 2004 का ऑस्ट्रेलिया दौरा बेहद निराशाजनक रहा। वह घूमती गेंद के आगे कवर ड्राइव शॉट्स खेलते हुए आउट हो रहे थे। फिर उन्होंने क्या किया? उन्होंने इस शॉट को वहां बैन कर दिया और यह तरकीब उनके लिए काम कर गई, क्योंकि इसके बाद वह सिडनी में 241 रन बनाने में कामयाब रहे। जैक क्रॉली ने अभी तक यह करने की कोशिश नहीं की है। उन्होंने नई गेंद के खिलाफ ड्राइव शॉट्स से दूर रहने की कोशिश नहीं की, उन्होंने नए तरीकों से विपक्षी गेंदबाजों पर हमला नहीं किया है। अगर आप लगातार एक ही तरीके से खेलते रहेंगे, तो आप बार-बार पकड़े जाएंगे, क्योंकि गेंदबाज बेवकूफ नहीं होते है।

जैक क्रॉली को टीम में काफी सपोर्ट मिल रहा है, और काफी समय से संघर्ष करने के बावजूद उन्हें मौके दिए जा रहे है, और मेरे हिसाब से यहां समस्या खड़ी  हो सकती है। आप कब तक किसी खिलाड़ी को सपोर्ट करेंगे अगर वह अपनी बल्लेबाजी में कोई सुधार नहीं करता है? साल 2020 के बाद से क्रॉली का इंग्लैंड में 11 का औसत का रहा है, और मुझे नहीं लगता कि यह आपको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह बनाए रखने के लिए काफी है। आपको बस मौके दिए जा रहे है, लेकिन आप न तो अच्छे खिलाड़ी है, और ना ही एक अच्छे टीम मैन हैं।”

 

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